दिल्ली के सदर बाजार में कारोबारी विरोध प्रदर्शन पर उतरे हैं. कोरोना प्रोटोकॉल के कारण दिल्ली में दुकानें ऑड-ईवन नियम (ODD-Even Rules) के तहत खोली जा रही हैं. व्यापारी इस नियम का विरोध थाली और चम्मच बजाकर कर रहे हैं. प्रदर्शन करने वाले व्यापारियों का कहना है कि सरकार ने पहले नाइट कर्फ्यू लगाया, फिर वीकेंड लॉकडाउन और उसके बाद ऑड-ईवन नियम के तहत दुकानें खोलने की इजाजत दी जा रही है.
उन्होंने कहा कि सप्ताह में 2-3 दिन दुकान खुलेंगी तो खर्चे कैसे निकलेंगे. इस दौरान व्यापारियों ने कहा कि राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले तेजी से घट रहे हैं, ऐसे में सरकार को ढील देनी चाहिए. चांदनी चौक की दी बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन कुचा महाजनी के चेयरमैन योगेश सिंघल ने कहा कि महीने में सिर्फ 8 दिन दुकानें खुल रही है, जिससे पूरे महीने के खर्चे निकालना असंभव है. व्यापारियों का कहना है कि दिल्ली के व्यापारियों की आर्थिक स्तिथि पिछले 3 सालों से कोरोना महामारी के कारण डांवाडोल चल रही है.
व्यापारियों के साथ सरकार को भी रेवेन्यू लॉस
उन्होंने कहा कि दिल्ली में होने वाली शादियों में महज 20 लोगों को इजाजत मिलने के कारण ऐसे कार्यक्रम पड़ोसी राज्यों में शिफ्ट हो रहे हैं. योगेश ने कहा कि शादियां पड़ोसी राज्यों में शिफ्ट होने के कारण व्यापारियों के साथ-साथ सरकार को भी रेवेन्यू लॉस हो रहा है. योगेश ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को एक खत लिखा है और मांग कि है कि 24 जनवरी से ऑड-ईवन को बंद कर व्यापारियों को राहत दी जाएगी.
वहीं, कनॉट प्लेस मार्केट की न्यू दिल्ली ट्रेडर एसोसिएशन के एक्जीक्यूटिव मेंबर अमित गुप्ता के मुताबिक CP की ट्रेडर एसोसिएशन ने एलजी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर ऑड-ईवन सिस्टम हटाने की मांग की है. उन्होंने कहा, 'पाबंदियों की वजह से 1 महीने में सिर्फ 8 दिन ही दुकानें खुल पा रही हैं, जबकि खर्च पूरे 30 दिन का होता है. जब पंजाब हरियाणा और दूसरे राज्यों में दुकानें सुबह 10:00 से रात 8:00 बजे तक खुल रही हैं तो दिल्ली में यह पाबंदी क्यों? जबकि यहां कोविड के केस लगातार घट रहे हैं.'
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