जीएसटी काउंसिल की 10 मार्च को एक अहम बैठक होने जा रही है. इस बैठक में रिटर्न प्रक्रिया को सरल करने के लिए तमाम राज्यों से सुझाव मांगे गए हैं. हाल ही में दिल्ली सरकार की ओर से दो दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया था, जिसके तहत टैक्स डिपार्टमेंट ने व्यापारियों के सुझाव मांगे थे.
आम आदमी पार्टी ट्रेड विंग के संयोजक बृजेश गोयल ने बताया कि ये सभी सुझाव उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सौंप दिए जाएंगे, ताकि 10 मार्च को होने वाली जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में दिल्ली सरकार इन्हें प्रस्तावित कर सके.
बृजेश गोयल के मुताबिक जीएसटी रिटर्न की जटिल प्रक्रिया को लेकर देश भर से शिकायतें आती रही हैं. यही कारण है कि जीएसटी काउंसिल ने इसमें सुधार के लिए दो कमिटियों आईटी कमेटी और रिटर्न कमेटी का गठन करते हुए दो मॉडल तैयार करवाए हैं.
आम आदमी पार्टी ट्रेड विंग द्वारा भेजे गए सुझाव-
1- फिलहाल रिटर्न में इनवॉइस वाइज डिटेल मांगी जाती है, जो एक लंबी प्रक्रिया है. हमारी मांग है कि टोटल वैल्यू और क्रेडिट डिटेल्स ही मांगी जाएं.
2- टैक्स पेयर्स के लिए सिंगल रिटर्न सिस्टम बनाया जाए, फिर चाहे इनपुट टैक्स हो या आउटपुट टैक्स. ठीक वैसा ही जैसे वैट में फॉर्म 16 के माध्यम से लिया जाता था. इसके साथ ही रिटर्न मिसमैच होने पर उसे मैच करने के लिए मोहलत दी जाए और एक निश्चित समय अवधि में व्यापारी उसे मैच कर सकें.
3- रिटर्न में नॉन जीएसटी डिटेल्स नहीं मांगी जाए. जैसे पेट्रोल, कन्वेंस आदि खर्चों का जीएसटी से कोई लेना देना नहीं है, ऐसे में रिटर्न में इनकी जानकारी नहीं मांगी जानी चाहिए.
4- क्वांटिटि वाइज और एचएसएन कोड वाइज डीटेल्स मांगी जाती है, जिसकी वजह से रिटर्न प्रक्रिया बेहद लंबी बनी हुई है. हमारा सुझाव है कि सेल और परचेज की डीटेल क्वांटिटि और एचएसएन कोड के बगैर मांगी जानी चाहिए, खासतौर से छोटे व मंझोले व्यापारियों के लिए.
5- रिटर्न में अगर कोई गलती हो जाती है तो उसे सुधारने के लिए अभी कोई विकल्प नहीं है. यह बेहद ही अनुचित है क्योंकि गलती किसी से भी हो सकती है. हमारी मांग है कि रिटर्न रिवाइज का सिस्टम होना चाहिए.
6- रिवर्स चार्ज सेक्शन 9(3) को फिलहाल सस्पेंड कर देना चाहिए. इस सेक्शन में गुड्स ट्रांसपोर्ट एजेंसीज यानि ट्रांसपोर्ट के माध्यम से भेजे गए माल के किराये की डीटेल्स मांगी जाती है.