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अब लुटियन दिल्ली में भी थमने लगी है ट्रैफिक की रफ्तार

आमतौर पर माना जाता है कि लुटियन दिल्ली में सड़कें चौड़ी और रुकावट रहित हैं, जहां सरपट दौड़ती गाड़ियों में ज्यादा ब्रेक लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है. लेकिन सीएसई की रिपोर्ट फिक्र बढ़ाने वाली है क्योंकि अब लुटिनयन दिल्ली की सड़कों पर भी ट्रैफिक का दबाव बढ़ रहा है और रफ्तार कम हो गई है.

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ट्रैफिक जाम
ट्रैफिक जाम

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दिल्ली में कारों की संख्या तो डराती ही है, अब इस संख्या का असर दिल्ली की रफ्तार पर भी पड़ रहा है. यहां तक कि वीआईपी इलाके लुटियन दिल्ली की सड़कों पर भी अब बढ़ते ट्रैफिक का असर दिखने लगा है. हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक लुटियन दिल्ली में भी अब ट्रैफिक की रफ्तार धीमी पड़ने लगी है और अब कारों की गति सामान्य से कम हो गई है.

बढ़ रहा है ट्रैफिक का दबाव

आमतौर पर माना जाता है कि लुटियन दिल्ली में सड़कें चौड़ी और रुकावट रहित हैं, जहां सरपट दौड़ती गाड़ियों में ज्यादा ब्रेक लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है. लेकिन सीएसई की रिपोर्ट फिक्र बढ़ाने वाली है क्योंकि अब लुटिनयन दिल्ली की सड़कों पर भी ट्रैफिक का दबाव बढ़ रहा है और रफ्तार कम हो गई है.

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लुटियन दिल्ली पर आई रिपोर्ट

दिल्ली की 13 जगहों पर सीएसई ने ट्रैफिक के दबाव और वाहनों की रफ्तार को लेकर एक रिसर्च की है. इस रिसर्च की रिपोर्ट में चौंकाने वाली बात लुटियन दिल्ली को लेकर है क्योंकि यही वो इलाका है, जो बाकी दिल्ली की तमाम समस्याओं, जिनमें बिजली पानी के साथ ट्रैफिक भी शामिल है, उनसे अछूता रहता था.

पीक ऑवर्स में ट्रैफिक की रफ्तार सामान्य से आधा

लेकिन ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अब लुटियन दिल्ली की सड़कों पर भी बॉटलनेक बनने लगे हैं और चौराहों पर ट्रैफिक में रुकावट आने लगी है. मौलाना आजाद रोड, अकबर रोड और तिलक मार्ग ऐसी सड़कें हैं, जहां ट्रैफिक के दबाब को आंका गया. इसमें पाया गया कि सुबह और शाम को पीक ऑवर्स में ट्रैफिक की रफ्तार सामान्य से आधी रह जाती है, हालांकि नॉन पीक ऑवर्स में लुटियन दिल्ली की सड़कों की हालात बाकी जगहों से बेहतर रहती है.

'आज तक' की टीम ने लिया जायजा

'आज तक' की टीम ने मौलाना आजाद रोड और अकबर रोड पर हालात का जायजा लिया, तो पता चला कि सड़कें तो चौड़ी हैं, लेकिन यहां पीक ऑवर्स में चौराहों पर गाड़ियों की इतनी भीड़ हो जाती है कि ट्रैफिक रेंगने लगता है. साथ ही वीआईपी रिहाइश होने की वजह से सड़कों के किनारों पर पार्क की जाने वाली गाड़ियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. इसीलिए कई बार ट्रैफिक में रुकावट आ जाती है.

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