अब जल्द ही दिल्ली की खूबसूरती में और इजाफा हो जाएगा, क्यूंकि पूरी दिल्ली में हरियाली और बढने वाली है. एनडीएमसी के गार्डनिंग स्कूल में अब तीनों एमसीडी के तीन हजार से ज्यादा माली ट्रेनिंग लेंगे. इस ट्रेनिंग में बताया जाएगा कि हरियाली कैसे बढ़ाई जाए और पेड़ पौधों को कैसे हराभरा और सुरक्षित रखा जाए.
एनडीएमसी के इस बागबानी स्कूल में अब दिल्ली के तीनों नगर निगम के तीन हजार से ज्यादा बागबानी कर्मचारी और माली ट्रेनिंग लेंगे. इसमे इन्हें नई-नई तकनीक बताई जाएंगी, जिसमें पेड़ों का रखरखाव, पेड़ पौधों को खराब होने से बचना, पेड़ों की अलग अलग डिजाइन में कटिंग करना शामिल है.
एनडीएमसी होर्टीकल्चर डिपार्टमेंट के डायरेक्टर एच.के. पचौरी ने कहा, 'हमने अपने मालियों को ट्रेनिंग दी, इसको देखते हुए हमें एमसीडी ने भी अप्रोच किया है, हमने अपने चेयरमैन से बात करके तय कर लिया है. हमने सरे इक्यूपमेंट रखे हुए हैं, जमीन तैयार करने से लेकर कैसे बोना है, कैसे अलग अलग जगह लगाना है, शाखाओं को कैसे काटना है. इसकी प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाती है, इसके लिए दो सौ रूपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से लिए जाएंगे, बाकि सारा अरेंजमेंट हमारा होगा.'
कॉमनवेल्थ से पहले एनडीएमसी ने अपने मालियों को बागबानी की ट्रेनिंग दिलाई, ताकि खेलों के दौरान दिल्ली को सुंदर बनाया जा सके. हरियाली बढ़े, इसके लिए बहुत से बागबानी कर्मचारियों को देहरादून, गुजरात और देश के दुसरे हिस्सों में भी ट्रेनिंग करके आये, जिसका खर्च विभाग ने ही उठाया, ट्रेनिंग के बाद इन मालियों के काम में तो सुधर हुआ ही साथ ही इनका प्रमोशन भी हो गया.
एनडीएमसी के नर्सरी इंचार्ज शिवदर्शन ने कहा, 'इस ट्रेनिंग से बहुत फायदे हैं, काफी कुछ सीखा, नए तरीके, पौधों की बीमारी, नई तकनीक बताई गई है. पहले इतनी मशीनरी भी नहीं थी, अब काफी सुधर है.'
ट्रेनिंग देने के लिए अलग-अलग एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटीज से एक्सपर्ट बुलाए जाएंगे और रिटायर्ड अफसरों की सेवा ली जाएगी, एमसीडी से इस ट्रेनिंग पर लिए दो सौ रूपए पर हैड खर्च करेगी बाकि सारा खर्च एनडीएमसी ही वहन करेगी. इसके अलावा स्कूली बच्चों को भी समर कैम्प लगाकर बागबानी की जानकारी गार्डनिंग स्कूल में दी जाएगी.