दिल्ली की सियासत में भूचाल ले आया है एक स्टिंग ऑपरेशन. इस वीडियो में दिल्ली के प्रदेश बीजेपी उपाध्यक्ष शेर सिंह डागर आम आदमी पार्टी के विधायक दिनेश मोहनिया से इस्तीफे के बदले कुछ रकम देने की बात करते नजर आ रहे हैं. आम आदमी पार्टी का आरोप है कि यह 4 करोड़ की रकम थी और बीजेपी दिल्ली में सरकार बनाने के लिए इस तरह की खरीद-फरोख्त कर रही है. AAP विधायक मोहनिया ने पार्टी कार्यकर्ता विवेक यादव के साथ मिलकर सारी बातचीत का खुफिया कैमरे से वीडियो बना लिया.
हालांकि वीडियो में किसी की ओर से 'करोड़' शब्द का जिक्र कहीं नहीं किया गया है. सारी बातचीत 'चार' और 'पांच' की भाषा में हो रही है. डागर के साथ बैठे रघुवीर दहिया एक जगह पर '20 लाख' का जिक्र जरूर करते हैं. शेर सिंह डागर ने बचाव में कहा है कि दिनेश मोहनिया खुद बीजेपी में शामिल होना चाहते थे, इसलिए उनके पास आए थे और उनकी ओर से पैसों की कोई बात नहीं की गई. आम आदमी पार्टी इस रिकॉर्डिंग की रॉ फुटेज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को सौंपने वाली है. 'आज तक' इस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता, लेकिन फिलहाल यह जिस रूप में आम आदमी पार्टी की ओर से यूट्यूब पर डाला गया है, उसमें हुई पूरी बातचीत को आप यहां पढ़ सकते हैं.
बातचीत में चार लोग शामिल हैं.
1. शेर सिंह डागर: प्रदेश बीजेपी उपाध्यक्ष, महरौली से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं.
2. रघुवीर दहिया: वीडियो में इन्हें शेर सिंह डागर का खास सिपहसालार बताया गया है. हालांकि डागर का कहना है कि वह
दहिया को नहीं जानते और दहिया AAP विधायक मोहनिया के साथ ही उनके यहां आए थे. लेकिन वीडियो में हुई बातचीत
पर गौर करें तो डागर की यह बात पचानी मुश्किल है.
3. दिनेश मोहनिया: संगम विहार से AAP विधायक
4. विवेक यादव: AAP कार्यकर्ता, दिनेश के साथ
स्टिंग ऑपरेशन में हुई पूरी बातचीत
शेर सिंह डागर: अब समय नहीं रहा, आप छोटे भाई से बढ़कर हैं. हमारी आपस में बात है, अब समय नहीं रहा, आप लोग दिल खोलकर अपनी बात कहें क्योंकि आज शाम तक इनको हमें नक्की करना है. आज शाम तक सब चीज क्लियर हो जाएगी. जो आप कहोगे, हमें आपकी तस्वीर इंडिया टीवी तक शो हो जाएगी. बल्कि इस विषय के लिए अभी आने वाले हैं. एक और व्यक्ति है जो आने वाले हैं, आप बेफिक्र होकर जो अपनी शंका है बता दो. रेक्वायरमेंट बता दो. सब चीज बता दो. कल को हमने एक्शन करना है.
दिनेश मोहनिया: एक तो वही था जी, जो लोग थे, बात हुई थी, पहले भी कौन है, इसका पता नहीं लगा.
शेर सिंह: वो तो आप छोड़ दो.
विवेक यादव: मतलब, कहना ये कि जब ये रिजाइन करें तो तीनों इकट्ठे हों. तीनों सब इकट्ठे जाएं.
शेर सिंह: वो आप छोड़ दो. सबका अपना अलग-अलग चल रहा है. मैंने नाम भी मालूम करके देख लिए. मैं आपको फ्रैंकली बताऊं, हम बैठे हैं, आप भी न बताओ, न ही बताना चाहिए.
विवेक यादव : नहीं, नाम नहीं पूछ रहे. इनका कहना है कि अगर रिजाइन करें, उससे पहले कम से कम साथ जाएं सब.
शेर सिंह: वो तो आप जाओगे ही साथ, आप मिलोगे अंदर.
विवेक यादव : मतलब रेजिग्नेशन हो जाए और कोई भी नहीं था. या एक चीज और हो सकती है, यहां से एक का हो जाए, तीन कांग्रेस के हों, कुछ और हों. चार कांग्रेस के हों.
शेर सिंह: चाहे कोई भी हो.
विवेक यादव : नहीं, लेकिन हमारे ही तो हों, तो ठीक नहीं है.
दिनेश मोहनिया : सबसे फर्स्ट चीज चाहिए सिक्योरिटी.
शेर सिंह: सिक्योरटी तो है ही.
दिनेश मोहनिया : सिक्योरटी तो तब है जब तीन-चार (विधायक) करें.
शेर सिंह: तीन-चार तो कर ही रहे हैं.
दिनेश मोहनिया : उस दिन से इसी बात पर तो मामला फंसा है.
शेर सिंह: हमने आपके ही आग्रह पर, मैं नाम भी नहीं बताना चाह रहा था.
दिनेश मोहनिया : जो नाम बताए वो गलत है, अब तो चाहे उन्होंने हमको मरवाने के लिए कहा हो.
शेर सिंह: आपको नहीं बताएंगे.
रघुवीर : मैं बताऊं क्या करना है, मेरा अपना सुझाव है. जिस दिन, कल ही तो जाएंगे सारे.
विवेक यादव : नहीं कल का कर रहे हैं.
रघुवीर : हां, कल रिजाइन दे रहे हैं. कल वे तीनों आपको नहीं मिलते हैं. सुबह इकट्ठे होंगे न. तब मिल लेते, क्या दिक्कत है. तीन साथ दें रहें, तो आप कर लेना. नंबर एक तो ये बात है. दूसरी,
शेर सिंह : 101 परसेंट आप मेरे साथ ही चलना. हाई कमान के मुंह से सुन लेना. हाई कमान तो अपनी सुनाएंगे. इन्होंने जो बात कही है मेरे तरह से कोई बात कहने को है ही नहीं. इन्श्योर हो जाना. अपने मुंह से सुनकर आ जाना.
विवेक यादव : आप मुझे मिलवा देना.
दिनेश मोहनिया : देखो, इस टाइम एक-एक बंदे को पता है, हमने गाड़ी कहां छोड़ी है, पता है.
शेर सिंह: अरे, ये चले जाएंगे.
रघुवीर : ये आपके ऊपर है.
विवेक यादव : देखो वो भी कच्ची गोलियां नहीं खेल रहे. वे भी पूरे लगे हैं.
शेर सिंह : कोई बात नहीं. जो समझदार आदमी होगा, न तो मैं कुछ वहां बोलूंगा, वो तो ये कहेंगे कि इन्होंने जो बात कही है कि इनको टिकट चाहिए.
विवेक यादव : उनसे कब मिलवाओगे.
शेर सिंह : कल करते हैं तो, आज ही रात को मिलना हो जाएगा.
विवेक यादव : जैसे कल का टाइम देते हैं, तब? ये कल का टाइम देते हैं, कुछ इनका फंसा पड़ा है.
शेर सिंह : आज ये नहीं करते हैं, उससे पहले इनको मिलवा देंगे.
विवेक यादव : नहीं सर, इकट्ठा करें तो ज्यादा ठीक है.
शेर सिंह : फिर वही बात जी, मैं कह रहा हूं इकट्ठे ही करेंगे. एक मिनट सुन लेना मैं आपके सामने ही पूछ लेता हूं, इकट्ठे कर रहे हैं या कैसे?
रघुवीर : कुल मिलाकर कहने का मतलब ये है, अकेले नहीं कर रहे.
विवेक यादव : हमारी पार्टी के होने चाहिए, एक-दो.
रघुवीर : पार्टी क्या, कांग्रेस के भी टूटेंगे.
शेर सिंह : नहीं, आप ही के होंगे, आप ही के होंगे.
विवेक यादव : हमारे हों तो ठीक है.
(इसके बाद शेर सिंह डागर किसी को फोन लगाते हैं.)
शेर सिंह (फोन पर): वो जो बाकी के लोग हैं वो भी साथ-साथ कल कर रहे हैं रिजाइन. ये कह रहे हैं, साथ-साथ ही कर रहे हैं. हां-हां. सब इकट्ठे ही कर रहे हैं. सब इन्हीं की पार्टी के हैं न, उसमें दूसरी का कोई नहीं है. आप पार्टी का ही है न, वो ही मैं कह रहा हूं, जब सब करेंगे, सब इकट्ठे ही करेंगे, नहीं करेंगे तो जबरदस्ती नहीं, आप वापस आ जाना. हम आपके साथ जा रहे हैं. हां तो भी मैं बता दूंगा. हां तो हमारे साथ ही हो जाओगे. अगर इनके बॉस ने ऐसा प्रोग्राम बना रखा है, तो हम अपने तैयार कर लेंगे. दूसरा मुझे ये बताओ जो एश्योरेंस है. जो टिकट/चेयरमैन वाली. उसके लिए आज रात कोमिलवाना होगा? आज रात को ही कर देंगे? बस-बस, ठीक है. अभी मैं जस्ट कॉल करता हूं. बिलकुल वो कोई प्रॉब्लम नहीं है. बिल्कुल कोई दिक्कत होगी तो मैं बता दूंगा. हो तो भी मैं अभी पूछ कर बता दूंगा. अभी मैं वहीं हूं.
शेर सिंह : आज हम आपको जो है, गाड़ी बदलकर ले जाएंगे, एश्योरटी दिलाने हाई कमान के पास, ठीक है, नंबर वन. नंबर टू आज ही आपको मिल जाएगा.
विवेक यादव : मिलवाना किससे है.
शेर सिंह : टॉप कमान....अभी आपके सामने भी बात हुई. (अब ये हमारे एजेंट हैं.)
विवेक यादव : तो इन्हें ही जाना पड़ेगा.
शेर सिंह : क्या
विवेक यादव : इन्हें ही जाना पड़ेगा.
शेर सिंह : हां, ये जाएंगे तो अच्छा रहेगा.
दिनेश मोहनिया : तो फिर वही कहानी है न. आपको लगता है जब सबको एक-एक ढ़ूंढ़ रहे हैं, तो फिर जरूरी थोड़ी है...रिस्क लेना. भाई देखो, किसी के यहां भी ले जाओगे, सेंट्रल दिल्ली में ले जाओगे.
विवेक यादव : देखो आपके बारे में तो उन्हें पता नहीं है, लेकिन आपके जो और लोग हैं... उनके और भी लोग, हो सकता है लगे हों चारों तरफ.
शेर सिंह : हां, हां, इसलिए उन्होंने साफ बताया है, हमारे जो सिस्टम में शामिल हो रहे हैं, आपके जितने भी विधायक, उनकी तरफ आपके बॉसेस के लोग डिप्यूट होना शुरू हो गए हैं. इसलिए आज आप जो है, शाम को...
विवेक यादव : इतनी इनफॉर्मेशन हमारे पास भी है, तभी तो गाड़ी अपनी वहां छोड़कर आए हैं, इतनी दूर.
शेर सिंह : इसलिए आप न, घर रहो, कहीं मत रहो. आज हम सुबह ये काम कराएंगे...आज शाम को जो अपनी कमिटमेंट है... वो पूरी कर लेंगे...शाम को फिर आप हमारे साथ ही रहना. कहीं जाने की जरूरत नहीं है. कपड़े-वपड़े आपके आ जाएंगे. थोड़े में अगर पकड़े जाएंगे तो सारा कैंसिल हो जाएगा.
विवेक यादव : ट्रांजेक्शन कैसे कराएंगे.
शेर सिंह : जैसे चाहोगे, वैसे हो जाएगी.
रघुवीर : जैसे भाई साब कह रहे हैं, वैसे कर लो.
विवेक यादव : तो भाई साब से थोड़े ही करनी है, तो तो हमें करनी है, उसमें भाई साब क्या करेंगे.
रघुवीर : तो मैं कर लेता हूं. हम दोनों कर लेंगे. इसमें क्या दिक्कत है.
विवेक यादव : आपकी क्या सुविधा है, आप बताओ. क्योंकि अमाउंट भी तो बड़ा होगा.
शेर सिंह : हां, कोई बात नहीं, अब ऐसा है, सारा अमाउंट जो है, यहां कहीं लगा देंगे...वहां से ले लेते हैं. नहीं हम...
विवेक यादव : वही दिक्कत, एक आएगी न. जो एक शंका बन रही है. गाड़ी कहीं चेक हो जाए, रास्ते में कोई रोक ले, कोई भी देख ले, कहीं ऐसा नहीं हो सकता कि आप कहीं भेजवा दें, हम बताएं इनके घर या कोई जगह बताएं.
शेर सिंह : हां, आप बताओ कहां भिजवाएं.
विवेक यादव : कोई एड्रेस...
शेर सिंह : आप दे दो हम भिजवा देते हैं.
रघुवीर : जैसे आपको सुविधा हो वैसे कर लेना.
शेर सिंह : आप जहां कहोगे, भिजवा देंगे, आपको दिखला देंगे. ठीक है न, आप देख लेना.
दिनेश मोहनिया : वो जो हमारा बंदा है, जो हैंडओवर लेगा, वो देख लेगा. क्योंकि देखो जितना मेरी मौजूदगी कम रखोगे न, उतना ...
शेर सिंह : ऐसा है न जी, आज हम अपनी सारी कमिटमेंट पूरी करेंगे. आप फिर हमारे साथ ही रहना.
विवेक यादव: अच्छा इसमें दो-तीन बातें चल रही है, एक तो resignation वाली बात चल रही है. एक तो बता रहे थे वोटिंग का.
शेर सिंह: नहीं, resignation का है.
विवेक यादव: सब का resignation करवा रहे है?
शेर सिंह: सब का resignation है. सब आपके सामने है. और वो सारे आप ही के हैं.
विवेक यादव: ऊपर वाले अग्री हैं?
शेर सिंह: हां हां.
रघुवीर: उनका ये हुआ है, ये जितने भी विधायक होंगे, सबको टिकट देंगे, चुनाव का खर्च देंगे, चेयरमैन बना देंगे, ये सब चीजें क्लियर हो जाएगी.
विवेक यादव: तो 5 कर रहे हैं न इनका.
रघुवीर: उससे बात कर लो न, कहां है हिमाचल में, आ सकता है...
विवेक यादव: 5 करेंगे न इनका...
शेर सिंह: 4 की बात हुई है न..
रघुवीर: नहीं 4... भाई साहब की 4 की बात है, 20 उनके..., 20 लाख उनके...
विवेक यादव: सर, जितना हो जाये, फायदा हो जाये हम लोगों का...
रघुवीर: जो बात है, खुली हो रही है, वो नहीं हो रहा... बारगेनिंग वाली नहीं है.
विवेक यादव: 5 की बात हुई थी.
शेर सिंह: आपका में 5 करवा दूंगा...
रघुवीर: 4 की आप से पहले बात है...
शेर सिंह: पहले दे दूं...
रघुवीर: 4 से ज्यादा चाहिए तो ऊपर बात कर लो...
दिनेश मोहनिया: बात वो नही है, बात सबसे ज्यादा कंसर्न सिक्योरिटी का है...
शेर सिंह: वो हमारी चिंता है, चिंता न करो, आपसे जो कमिटमेंट है वो पूरी होगी. मैं तो कह रहा हूँ. आप अपने आंखों से देख लेना...
दिनेश मोहनिया: नहीं, वहां से तो कमिटमेंट मिल जायेगा. वो तो कमिटमेंट दे देंगे, सब कुछ ठीक है, बाकि है... नहीं है..., ये तो शियोरीटी नहीं होगी न....
शेर सिंह: आप मत करना, इकट्ठे ही करेंगे.
दिनेश मोहनिया: सिक्योरिटी का कंसर्न ज्यादा है.
शेर सिंह: मैं फिर कह रहा हूँ, आप मत करना...
विवेक यादव: अच्छा, वो आई कार्ड लेंगे?
शेर सिंह: आई कार्ड तो लेंगे ही लेंगे, जब .... सारे मिल जायेगे, भाई हमारे साथ रहेंगे, आई कार्ड भी हमारे साथ रहेगा, सब चीज़, इनकी कमिटमेंट पूरी हो जाएगी. सब काम हो जायेगा...
रघुवीर: सब काम रात को हो जायेगा...
शेर सिंह: इनको कहां होना है, कैसे होना है, अभी इनको इनफॉर्मेशन दे देना...
विवेक यादव: एक बार चक्कर मर के देख लेना...
दिनेश मोहनीय: हां, एक बार देख लेना..
विवेक यादव: वहां पर लड़का है न, उसको खली करवाना होगा...
शेर सिंह: आप ऐसी जगह करना, जो पूर्ण विश्वास की हो.
विवेक यादव: कितनी देर पहले बताना होगा आपको?
शेर सिंह: आप एक घंटे पहले बता देना, एक घंटे पहले बता देना, सरे इन्तिज़ाम हो जायेंगे, लेट नाईट में मुलाकात हो जायेगा और यह अपना घर को लौट कर चले जायेगे..
दिनेश मोहनिया: पहले तो इनका चल रहा है, रामवीर सिंह का चल रहा था.... इसमें संघ वालों की कंसल्ट है न? कहीं वो लास्ट में....
शेर सिंह: नहीं, इसमें में तो है, रामवीर सिंह में नहीं है.
विवेक यादव: नहीं, पहले आप कह रहे थे न कि....
शेर सिंह: पहले नहीं था.
दिनेश मोहनिया: मुखी जी के नाम परर आरएसएस भी अग्री कर रही है?
शेर सिंह: हां हां...
दिनेश मोहनिया: नहीं, आरएसएस के मूड का नहीं पता....
रघुवीर: नहीं, सारी चीज़ तय है....
ये बातचीत यहीं खत्म हो जाती है. बाद में तय रकम पहुंचाने के लिए फोन पर बात होती है, दहिया और विवेक के बीच.
दहिया : हैलो
विवेक : जी.
दहिया : कहां रख दिया फोन, उठाया न.
विवेक यादव : नहीं, बताओ आप, वाइब्रेशन पर था.
दहिया: अच्छा अब एक रस्ता ये निकला है, देखो बात बनानी है तो. रास्ता ये निकला है. जहां भी ये दिनेश जी कहेंगे न. टोकन मनी लेके हम जाएंगे. जो है उनको देकर, फिर हमारे साथ ये चले पड़ेंगे. आप और ये, दिनेश जी. ठीक है.
विवेक : चलो हम पूछ ही लेते हैं एक बारी.
दहिया: हां, और सरिता विहार कहेंगे तो वहीं आ जाएंगे हम. और कहीं और कहेंगे तो वहीं आ जाएंगे हम. फिर वहां से आप और हम, दिनेश जी, हम चले जाएंगे. ठीक है न.
विवेक: चलो एक बार हम पूछ लेते हैं, पूछ लेते हैं.
दहिया : पूछ लो, अगर वहीं कहें तो वहीं आ जाएंगे हम.
फिर जो लड़का है उसको टोकन मनी देकर हम और आप निकल जाएंगे आगे.