आम आदमी पार्टी एक बार फिर अंदरूनी विवादों को लेकर चर्चा में है. कुमार विश्वास और अमानतुल्लाह खान की बयानबाजी से परेशान अरविंद केजरीवाल एक तरफ नाराजगी जता रहे हैं, तो इसी बयानबाजी के बाद पार्टी के कई विधायक दो अलग-अलग खेमे में बंटते नज़र आ रहे हैं.
अमानतुल्ला खान के कुमार विश्वास के खिलाफ दिए बयान पर बुलाई गई पॉलिटिकल अफेयर कमिटी की बैठक से पहले और बाद में, आम आदमी पार्टी विधायकों की खेमेंबाजी साफ नजर आ रही है. सोमवार की दोपहर जब अरविंद केजरीवाल सिसोदिया से मुलाकात करके लौटे तो कई विधायक पार्टी नेता आशुतोष से मुलाकात करने पहुंचे. इस दौरान गोपाल राय, राजेश गुप्ता, नरेश यादव, जितेंद्र सिंह तोमर, मदनलाल, सौरभ भारद्वाज, जरनैल सिंह, शरद चौहान शामिल रहे.
दरअसल पार्टी नेताओं के साथ विधायकों की लगातार बैठक, केजरीवाल का मजबूत समर्थन कर रहे उन विधायकों का मन टटोलने की एक बड़ी कोशिश है. पूरे विवाद के बीच केजरीवाल खेमे के संजीव झा पहले ही ट्वीट करके अपने मुखिया का समर्थन कर चुके हैं. सोमवार की सुबह भी मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन संजीव झा, राजेश गुप्ता, नरेश बाल्यान, बंदना कुमारी, श्रीदत्त शर्मा, जितेंद्र तोमर अरविंद केजरीवाल के घर मुलाकात के लिए पहुँचे थे.
अब बात करें कुमार विश्वास की तो वसुन्धरा में उनके घर पर भी सोमवार देर रात तक कई विधायकों का आना-जाना लगा रहा. इनमें कपिल मिश्रा, अलका लांबा, बंदना कुमारी, राजेश गुप्ता, भावना गौड़, राजेश ऋषि, रामनिवास गोयल जैसे नाम शामिल हैं. लेकिन अमानतुल्लाह खान के पॉलिटकल अफेयर कमिटी से इस्तीफा देने के बाद भी विधायकों के कुमार विश्वास से मुलाकात करने का सिलसिला थम नहीं रह है. मंगलवार की सुबह भी विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी, राजू धिंगान, मनोज कुमार कुमार विश्वास से मिलने पहुंचे.
सवाल ये उठता है कि विधायक किन वजहों से कुमार विश्वास का समर्थन कर रहे हैं. क्या एक वजह ये भी है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पंजाब, गोवा और दिल्ली एमसीडी चुनाव जैसी बड़ी हार देखने मिली है? फिलहाल आम आदमी पार्टी का ये विवाद महज बयानबाजी तक सीमित नजर नहीं रही क्योंकि कुमार विश्वास की नाराजगी पार्टी में बड़े बदलाव की तरफ भी इशारा कर रही है.