जानकारी के मुताबिक, शाहनवाज के परिजनों ने सीएम केजरीवाल से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है. मुख्यमंत्री ने सांत्वना देते हुए हर संभव मदद की बात कही है.
घटना के आरोपी सदाफ, आतिफ लाल और सलीम को बुधवार को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया. जहां से इन सभी को 14 दिनों के लिए तिहाड़ भेज दिया गया. पुलिस ने बताया कि जेल में इनकी पहचान परेड होगी, जिसके बाद पुलिस इनके रिमांड की मांग करेगी और फिर पूछताछ की जाएगी. मामले में बुधवार को अमीन पहलावन की गिरफ्तारी के साथ सभी पांच आरोपी गिरफ्तार हो गए हैं. इनमें से वसीम को कोर्ट ने पहले ही न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. जबकि अमीन अभी पुलिस हिरासत में है.
गौरतलब है कि रविवार को तुर्कमान गेट पर रोडरेज में हुई हत्या ने पूरी दिल्ली को हिलाकर रख दिया था. इस मामले में काफी हंगाम हुआ, जिसके बाद पुलिस दबाव में आई और फिर एक बाद एक पांच आरोपी गिरफ्तार हो गए. पकड़े गए आरोपियों पर पहले भी कई केस दर्ज हैं. बताया जाता है कि आरोपी अमीन पहलवान पर 17 मुकदमे, आतिफ पर दो केस, वसीम पर दंगा भड़काने का मामला, जबकि सलीम और शादाब पर इलाके में दबंगई का केस पहले से दर्ज है.
पुलिस का कहना है कि अब तक मिले सबूतों और चश्मदीदों के बयान से साफ है कि हत्या में इन लोगों का हाथ है और तुर्कमान गेट इलाके में इन लोगों का दबदबा है. लोग इनसे घबराते हैं. सूत्रों की माने तो अब तक पुलिस के फंदे से इनके बचने की वजह इनके खिलाफ सबूत ना होना था, लेकिन पुलिस का दावा है कि अब इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत और गवाह मौजूद हैं.
कब-कैसे-क्या हुआ
बता दें कि 5 अप्रैल को तुर्कमान गेट इलाके में देर रात शाहनवाज की हत्या कर दी गई थी. 6 अप्रैल को मृतक के परिवार समेत इलाके के लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रदर्शन किया. 7 अप्रैल से मामले पर सियासी रंग चढ़ने लगा. 8 अप्रैल को बीजेपी नेता पीड़ित परिवार के घर पहुंचे. बीजेपी नेताओं ने उन पोस्टर्स को सियासी हमले का हथियार बनाया, जिन पर आरोपियों की तस्वीर लगी थी. वो पोस्टर आम आदमी पार्टी के समर्थन में लगाए गए थे. हालांकि, मीडिया में पोस्टर आने के बाद रातों रात दबंगों ने पोस्टरों को हटवा दिया था.