देश की राजधानी दिल्ली में पुलिस ने गुरुवार को दो ठगों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर और आईपीओ में निवेश के नाम पर एक व्यक्ति से करीब 40 लाख रुपये ठग लिए थे. यह मामला दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के आरके पुरम इलाके का है. पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान कुलदीप चौधरी (22) और रंजय सिंह (32) के रूप में हुई है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उसे सोशल मीडिया पर एक ग्रुप में जोड़ा गया, जहां उसे शेयर बाजार और आईपीओ में निवेश के नाम पर अच्छे मुनाफे का लालच दिया गया.
धीरे-धीरे, ठगों ने उसे एक खाता खोलने के लिए मना लिया और निवेश के लिए बताए गए बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने को कहा. जब पीड़ित ने करीब 39.50 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए, तो उसका एक्सेस ब्लॉक कर दिया गया और आरोपियों ने उसे और निवेश करने का दबाव बनाया, ताकि पहले से ट्रांसफर की गई राशि वापस मिल सके.
जब पीड़ित को एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो चुका है, तो उसने साइबर पुलिस स्टेशन, दक्षिण-पश्चिम जिले में इसकी शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), 420 (धोखाधड़ी) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया.
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि ठगी की गई राशि में से 4 लाख रुपये एक निजी बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए थे, जो ‘फ्लायअप सॉल्यूशंस’ नामक फर्म के तहत पंजीकृत था और इसका मालिक रंजय था, जो उत्तर प्रदेश के जौनपुर का रहने वाला है. इसके अलावा, 9.30 लाख रुपये ‘बालाजी ट्रेडिंग कंपनी’ नामक एक अन्य बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए थे.
10 फरवरी को पुलिस टीम ने राजस्थान के जयपुर में छापेमारी कर कुलदीप को गिरफ्तार किया. जांच में पता चला कि कुलदीप ने अपने दोस्त राकेश कुमार के नाम पर एक बैंक खाता खुलवाया और इसे ठग गिरोह को उपलब्ध कराया, जिसके बदले में उसे 2 लाख रुपये का कमीशन मिला.
इसके बाद, पुलिस ने 24 फरवरी को रंजय को भी गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में रंजय ने स्वीकार किया कि उसने एक बैंक खाता खोला था और इसे आरोपी कवराज सिंह को 50,000 रुपये की कमीशन के बदले बेच दिया था. पुलिस अब मुख्य साजिशकर्ता कवराज सिंह की तलाश कर रही है और पूरे मामले की गहन जांच जारी है.