दादरी हिंसा और साहित्यकारों पर हुए हमलों के विरोध में पुरस्कार लौटाए जाने के बाद इस पर सिसायत भी तेज हुई है. इसी कड़ी में शुक्रवार को दिल्ली स्थित साहित्य अकादमी के बाहर साहित्यकारों में मौन प्रदर्शन किया.
Writers hold silent protest march outside Sahitya Akademi in Delhi ahead of Akedmi's meeting today pic.twitter.com/o2lu9celIL
— ANI (@ANI_news) October 23, 2015
प्रदर्शन के दौरान भी साहित्यकारों के दो गुट दिखे. एक गुट अवॉर्ड लौटाए जाने के समर्थन में है तो दूसरा इस बात के विरोध में प्रदर्शन कर रहा है.एक सम्मान लौटाने के पक्ष में बांधी काली पट्टी तो दूसरे गुट ने सम्मान लौटानेवालों को बीमार कहा. दक्षिणपंथी साहित्यकारों ने इस दौरान नारेबाजी शुरू कर दी जिसके बाद साहित्य अकादमी के गेट बंद कर दिए गए. वहीं, दूसरी ओर वामपंथी और अन्य साहित्यकार काली पट्टी बांधकर मौन प्रदर्शन कर रहे हैं. ये लोग एमएम कलबुर्गी की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे.
Delhi:Writers hold silent protest against MM Kalburgi's murder,growing intolerance,ahead of Akademi's emergency meet pic.twitter.com/I9sQoDclOZ
— ANI (@ANI_news) October 23, 2015
वहीं, साहित्यकारों की ओर से पुरस्कार लौटाए जाने और इस संबंध में आपसी मतभेद होने के चलते साहित्य अकादमी ने शुक्रवार को आपात बैठक बुलाई. बैठक करीब एक घंटे तक चली. हालांकि अब तक यह पता नहीं चल सका है कि बैठक में किन-किन मुद्दों पर चर्चा हुई है और अकादमी ने आगे की क्या रणनीति बनाई है.