यूजीसी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी और उसके कॉलेजों को नए शैक्षणिक सत्र से छात्रों का नामांकन तीन साल के ग्रेजुएशन कोर्स के तहत करने का निर्देश दिया है. रविवार को जारी अपने निर्देश में यूजीसी ने ऐसा नहीं करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की बात कही है. चार साल के कोर्स के बदले तीन साल के कोर्स को महत्व के इस फैसले का शिक्षक और छात्र संगठनों ने स्वागत किया है.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने निर्देश पालन के लिए सोमवार दोपहर तक की समयसीमा देते डीयू और इसके सभी 64 कॉलेजों से कहा कि उसके आदेश का पालन करें या अनुदान बंद किए जाने जैसे परिणाम भुगतें. हालांकि संपर्क किए जाने पर डीयू पंजीयक अल्का शर्मा ने कहा, 'आज रविवार है और मैं इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं करूंगी.'
गौरतलब है कि पिछले साल लाए गए चार साल के ग्रेजुएशन कोर्स की छात्रों और शिक्षकों दोनों ने ही कड़ी आलोचना की थी, लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा कि इसे निरस्त नहीं किया जाएगा. ग्रेजुएशन कोर्स के लिए नामांकन मंगलवार से शुरू होने जा रहा है. ऐसे छात्रों में कोर्स को लेकर अभी तक असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
यूजीसी का निर्देश ऐसे समय में आया है जब डीयू ने एफवाईयूपी को रद्द करने के आयोग के निर्देश को खारिज कर दिया है. आयोग ने डीयू से कहा है कि वह सभी कॉलेजों को सूचित करे कि निर्देश का पालन हो और 'किसी भी हालत में 23 जून के दोपहर तक निर्देश का अनुपालन रिपोर्ट आयोग को पेश करें.'
अधिकारियों ने कहा कि यूजीसी के निर्देशों की अवहेलना से डीयू को कठिनाई होगी, क्योंकि इसे अनुदान नहीं मिलेगा और इसकी डिग्रियां अमान्य होंगी. यूजीसी ने इस निर्देश के क्रियान्वयन के लिए शिक्षकों, विद्यार्थियों, सांवधिक निकायों के प्रतिनिधियों वाली दस सदस्यीय समिति बनाने का भी निर्णय लिया है. समिति यह सुनिश्चित करेगी कि 2013-14 में दाखिला पाने वाले छात्र बिना किसी परेशानी के तीन साल के कोर्स में चले जाएं.
बता दें कि शनिवार को इस ओर यूजीसी ने निर्देश पर डीयू के कुलपति ने इस जल्दबाजी में कोई भी कदम उठाने के प्रति सचेत किया था. हालांकि कोर्स का विरोध करने वाले शिक्षकों का दावा है कि कुलपति अभी भी चार साल के ग्रेजुएशन कोर्स का समर्थन कर रहे हैं और सदस्यों ने आकादमिक परिषद की बैठक में चार साल के कोर्स से जुड़े विषयों पर चर्चा करने को कहा है. उन्होंने दावा किया कि कुलपति ने सदस्यों से ई-मेल की कापी साझा करने से इनकार किया, लेकिन कहा कि इन मुद्दों पर परिषद की बैठक में चर्चा हो सकती है.