यूपी के प्रयागराज में 24 फरवरी को हुए उमेश उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों में से दो असद अहमद और गुलाम के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है. वारदात को अंजाम देने के बाद असद और गुलाम दिल्ली पहुंचे थे. यहां वो जावेद, जीशान और खालिद से मिले, जिन्होंने दोनों को शरण दी और मदद की थी. इनपुट मिलने पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल एक्शन में आई और 28 मार्च को खालिद और जीशान को अरेस्ट कर लिया. इनके पास से हथियार और कारतूस बरामद हुए थे.
इस दौरान पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने उमेशपाल हत्याकांड में वांटेड असद और गुलाम को दिल्ली में शरण दी थी. इस खुलासे के साथ ही पुलिस लगातार तीसरे आरोपी जावेद की तलाश कर रही थी. इस बीच मिले इनपुट पर पुलिस 31 मार्च को उसे भी अरेस्ट कर लिया. जावेद ने खुलासा किया कि असद और गुलाम दिल्ली में उससे मिले थे. तीनों आरोपी इन दिनों न्यायिक हिरासत में हैं.
अतीक की बहन के बाद बेटियों को बनाया गया आरोपी
गौरतलब है कि यूपी पुलिस उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों के खिलाफ लगातार शिकंजा कस रही है. इसी कड़ी में माफिया अतीक अहमद की बहन और उसके परिवार पर भी गाज गिरी है. अतीक की बहन आयशा नूरी के बाद अब उसकी दोनों बेटियों को भी उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाया गया है.
इन पर 5 लाख के इनामी गुड्डू मुस्लिम को घर में शरण देने और मदद करने का आरोप है. पुलिस आयशा नूरी के साथ-साथ उसकी दोनों बेटियों की भी तलाश कर रही है. दरअसल, उमेश पाल की हत्या करने वाले शूटरों में शामिल अतीक का गुर्गा गुड्डू मुस्लिम 5 मार्च के आयशा के घर पहुंचा था. यहां पर आयशा और उसके पूरे परिवार ने गुड्डू को पनाह दी थी और फरार होने के लिए आर्थिक मदद भी की थी. अतीक के बेटे असद और गुड्डू को दिल्ली में छिपने का ठिकाना आयशा नूरी ने ही मुहैया कराया था.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उजनिला भी शामिल थी
24 फरवरी को उमेश पाल हत्या कांड के बाद 6 मार्च को उजनिला अपनी मां आयशा नूरी और छोटे मामा अशरफ अहमद की पत्नी जैनब फातिमा के साथ प्रयागराज में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी शामिल थी. कॉन्फ्रेंस में आयशा ने अपने दोनों भाई अतीक अहमद और अशरफ अहमद को बेकसूर बताया था और उनकी जान को खतरा भी बताया था.
आयशा और उसकी दोनों बेटियां अब फरार हैं. मगर, आयशा नूरी के पति डॉ. अखलाक अहमद को पुलिस ने मेरठ से गिरफ्तार किया था. अखलाक पर भी उमेश पाल की हत्या करने वालों को मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
24 फरवरी को हुई थी उमेश पाल की हत्या
बता दें कि 24 फरवरी को उमेश पाल और उनके दो सुरक्षा कर्मियों की बदमाशों ने गोली और बम मारकर हत्या कर दी थी. उमेश पाल, विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में गवाह थे. 24 फरवरी को उमेश गाड़ी से उतर रहे थे, उसी दौरान बदमाशों ने उन पर फायरिंग कर हत्या कर दी थी. इस दौरान उमेश के साथ उनके दो सरकारी गनर की भी मौत हो गई थी.