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दिल्ली मेट्रो में बढ़ती तकनीकी खामियों पर केंद्र ने तलब की रिपोर्ट

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) से इस बारे में रिपोर्ट तलब की है. रिपोर्ट में पूछा गया है कि मेट्रो आए दिन क्यों अटक रही है? हालांकि डीएमआरसी अधिकारियों ने पहले से ही मामले की पड़ताल के आदेश दे रखे हैं लेकिन अब ऊपर से जवाब तलब होने के बाद मेट्रो भवन में खलबली मची है. 

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दिल्ली मेट्रो में बढ़ती तकनीकी खामियों से चिंतित केंद्र सरकार
दिल्ली मेट्रो में बढ़ती तकनीकी खामियों से चिंतित केंद्र सरकार

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दिल्ली की लाइफलाइन कहलाने वाली मेट्रो अब अक्सर बीच में ही अटकने लगी है. तकनीकी खराबी के बढ़ते वाकयों से केंद्र सरकार भी बेखबर नहीं है.

सरकार ने तलब की रिपोर्ट
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) से इस बारे में रिपोर्ट तलब की है. रिपोर्ट में पूछा गया है कि मेट्रो आए दिन क्यों अटक रही है? हालांकि डीएमआरसी अधिकारियों ने पहले से ही मामले की पड़ताल के आदेश दे रखे हैं लेकिन अब ऊपर से जवाब तलब होने के बाद मेट्रो भवन में खलबली मची है.

क्यों अटक जाती है मेट्रो?
सूत्रों की मानें तो इन तकनीकी खामियों के पीछे ज्यादातर ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम में पैदा हुई खराबियां होती हैं. इस सिस्टम में कंप्यूटर सॉफ्टवेयर ट्रेन को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन के बीच सफर तय करने में मदद करते हैं. एक लाइन पर मेट्रो के कई ट्रैक सर्किट होते हैं जिनकी मदद से मेट्रो एक ट्रैक से दूसरे ट्रैक होते हुए आगे बढ़ती है. मेट्रो के इस ऑटोमेटिक ऑपरेशन पर मेट्रो के ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर यानी ओसीसी के जरिये नजर रखी जाती है.

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कंट्रोल रूम में हर ट्रेन की एक अलग आईडी होती है. कई बार सिग्नलिंग सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी की वजह से ये आईडी ही गुम हो जाती है. यानी ट्रेन की लोकेशन ट्रैक सर्किट पर दिखना बंद हो जाती है. इसीके चलते पूरा ट्रैक सर्किट ड्रॉप करना पड़ता है और उस रूट पर मेट्रो को मैन्युअल सिग्नलिंग के जरिये चलाया जाता है. इससे मेट्रो की रफ्तार घटकर आधी रह जाती है और असर ये होता है कि ऑटोमेटिक सिस्टम पर चल रही ट्रेनें भी अटक जाती हैं.

आम होती तकनीकी खामियां
गुरुवार को भी इसी तरह की खराबी के चलते ब्लूलाइन पर ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा था. ऐसा ही मंगलवार को द्वारका के पास सिग्नल सिस्टम में आई खराबी के चलते हुआ. इस मसले की इंसीडेट रिपोर्ट सामने आ गई है. मेट्रो के प्रवक्ता के मुताबिक लगातार चलने वाले मेट्रो सिस्टम में छोटी-मोटी खराबियां गंभीर चिंता का विषय नहीं हैं. लेकिन जरा सी देर होने पर भी हजारों की भीड़ जमा होने के चलते खोटी सी खामी भी बड़ी बन जाती है.

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