
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उस छात्रा के खिलाफ एक्शन नहीं लेने को कहा है जिसने दिल्ली सरकार (delhi government) के खिलाफ बयानबाजी की थी. दरअसल, यह बयानबाजी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ थी जिसके बाद आंबेडकर यूनिवर्सिटी दिल्ली (एयूडी) प्रशासन ने छात्रा पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया था. मनीष सिसोदिया ने इसी मामले में कॉलेज प्रशासन से कार्रवाई नहीं करने को कहा है.
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय, छात्रों के लिए सुरक्षित जगह होनी चाहिए. जहां पर छात्र मुखरता के साथ अपनी आवाज उठा सके. भले ही उनके विचार सरकार के खिलाफ हो. आवाज को दबाना ठीक नहीं है. छात्र हमारे देश का भविष्य हैं. अगर हम उन्हें विश्वविद्यालय के अंदर अपनी बात रखने का मौका नहीं देंगे तो कहां देंगे.
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उन्होंने कहा कि सरकार से अलग विचार रखने पर स्टूडेंट के खिलाफ कोई कर्रवाई नहीं होनी चाहिए. यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स को अपनी राय बयां करने की आजादी मिलनी चाहिए. किसी भी स्टूडेंट को बोलने की आजादी के अधिकार के लिए सजा नहीं देनी चाहिए. स्टूडेंट को अगर हम आवाज उठाने का मौका नहीं देंगे, तो हम देश के लिए अंधकारमय भविष्य स्थापित करेंगे, जिसमें लोगों को अन्याय के खिलाफ बोलने में हिम्मत नहीं होगी.
सिसोदिया ने कहा कि अगर देश के राजनीतिक नेताओं के खिलाफ आलोचना नहीं होगी तो देश में लोकतंत्र नहीं बल्कि तानाशाही खड़ी होगी. उन्होंने प्रिसिंपल सेक्रेटरी से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि दिल्ली सरकर की किसी भी यूनिवर्सिटी में अपने विचार रखने पर छात्रों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए.