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UP पंचायत चुनाव: आरक्षण का आधार वर्ष 2015 को बनाए जाने के खिलाफ सुनवाई से SC का इनकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कुछ दिन पहले ही पुरानी आरक्षण सूची पर रोक लगाते हुए 2015 के आधार पर चुनाव कराने को लेकर फैसला सुनाया था.

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सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पंचायत चुनाव पर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
  • याचिकाकर्ता पहले हाईकोर्ट जाएं: सुप्रीम कोर्ट

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना दखल देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता पहले हाईकोर्ट जाएं. ऐसे में यूपी सरकार के लिए यह राहत भरी खबर है. बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कुछ दिन पहले ही पुरानी आरक्षण सूची पर रोक लगाते हुए 2015 के आधार पर चुनाव कराने को लेकर फैसला सुनाया था. 

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हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि साल 2015 को आधार मानते हुए सीटों पर आरक्षण लागू किया जाए. इसके पूर्व राज्य सरकार ने कहा कि वह साल 2015 को आधार मानकर आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए तैयार है.

उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पिछले शनिवार को विशेष अनुमति याचिका यानी एसएलपी दाखिल की गई है. इस याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई. याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान उसका पक्ष पूरी तरह नहीं सुना गया.

पंचायत चुनाव पर अधिसूचना जारी

वहीं उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी गई. अधिसूचना के मुताबिक यूपी में कुल 4 चरणों में मतदान होंगे.अधिसूचना के मुताबिक 15 अप्रैल, 19 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को मतदान होगा. वहीं 2 मई को वोटों को गिनती होगी. बता दें कि गुरुवार को ही यूपी सरकार ने आपत्तियां निस्तारित कर फाइनल आरक्षण सूची जारी कर दी है.

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 जानकारी के मुताबिक 3 अप्रैल से पहले चरण की नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी. वहीं दूसरे चरण में 7 अप्रैल से 8 अप्रैल तक नामांकन किया जा सकेगा. इसके साथ ही तीसरे चरण में 13 अप्रैल से 15 अप्रैल तक नामांकन होगा. वहीं चौथे चरण में 17 अप्रैल से 18 अप्रैल तक नामांकन होगा. 

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