कांग्रेस ने पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा लखनऊ में रोके जाने के मामले में जांच की मांग की है. पार्टी प्रवक्ता सुष्मिता देव ने कहा, 'ये तानाशाही है कि प्रियंका गांधी एक विरोधी दल के नेता होने के नाते डंडे के बल पर जेल में भर्ती किए गए लोगों के परिजनों से मिलने जा रही थीं, लेकिन उन्हें रोका गया. इसकी जांच होनी चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'यूपी पुलिस की सर्किल ऑफिसर ने प्रियंका गांधी की गाड़ी को इस तरीके से रोका कि उनका एक्सिडेंट होते-होते बचा. उनकी गाड़ी में 5 लोगों से कम लोग मौजूद थे और इस तरह वो धारा 144 का उल्लंघन भी नहीं कर रही थीं. लेकिन उन्हें रोका गया.'
#WATCH Lucknow: Congress General Secretary for UP (East) Priyanka Gandhi Vadra travelled on a two-wheeler after she was stopped by police while she was on her way to meet family members of Former IPS officer SR Darapuri. pic.twitter.com/aKTo3hccfd
— ANI UP (@ANINewsUP) December 28, 2019
सुष्मिता देव ने कहा, प्रियंका गांधी को इसके बाद टू व्हीलर पर भी घेरा और जिस तरीके से घेरा वो निंदनीय है. उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश में 18 लोगों की जान गई है जिसमें 12 लोगों को गोली मारी गई है. जिन अधिकारियों ने प्रर्दशनकारियों को और प्रियंका गांधी को रोका उनको बर्खास्त करनी चाहिए.
उप्र पुलिस की ये क्या हरकत है। अब हम लोगों को कहीं भी आने जाने से रोका जा रहा है। : @priyankagandhi #UPPoliceGundagardi pic.twitter.com/T8SIOaLM9h
— Congress (@INCIndia) December 28, 2019
After the police stopped her car from travelling, Smt. @PriyankaGandhi walked the distance to meet the family of former IPS officer, S R Darapuri. pic.twitter.com/ouzbJtkEq5
— Congress (@INCIndia) December 28, 2019
Smt @priyankagandhi's car is forcefully stopped by UP police while on her way to meet the family of former IPS officer, S R Darapuri. pic.twitter.com/FC9nEdzJQ0
— Congress (@INCIndia) December 28, 2019
साथ ही उन्होंने कहा कि यूपी सरकार को भी बर्खास्त कर देना चाहिए. कांग्रेस प्रवक्ता सुष्मिता देव ने कहा, 'प्रियंका गांधी कांग्रेस के स्थापना दिवस पर लखनऊ में थी. जब प्रियंका गांधी रिटार्यड आईपीएस ऑफिसर से मिलने जा रही थीं, तो उनको रोका गया. उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रियंका गांधी का फिजिकल मैंन हैंडल किया. हम इस पूरे मामले की जांच की मांग करते हैं. यह एक तरह से तानाशाही है. उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए.'
चाहे गला दबाओ या धक्का मारो
आवाज़ कभी न होगी कम।
कान खोल कर सुन लो हुकूमत
हम डटे रहेंगे, चाहे जितना कर ले सितम।
अजय बिष्ट सरकार के जबरदस्ती बल प्रयोग से न तो श्रीमती @PriyankaGandhi डरने वाली है और न ही कांग्रेस कार्यकर्ता। कांग्रेस जनता की आवाज उठाती रहेगी। #UPmeinGundaraj pic.twitter.com/kz2IWGLH8H
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क्या है पूरा मामला?
दरअसल, शनिवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी पार्टी के स्थापना दिवस समारोह के बाद पूर्व आईपीएस एस.आर. दारापुरी के घर पहुंच गईं. हालांकि, उनके कफिले को लखनऊ के पॉलीटेक्निक चौराहे पर रोक दिया गया.
लेकिन वह कार से उतरकर पैदल मार्च करते हुए गिरफ्तार दारापुरी के घर की ओर बढ़ गईं. नागरिक संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करने पर पिछले दिनों गिरफ्तार किए गए सेवानिवृत्त आईपीएस एस.आर. दारापुरी के परिवारीजनों से मिलने जाने के लिए प्रियंका गांधी को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी. पुलिस ने उनकी गाड़ी को जबरन लोहिया पार्क के सामने रोक लिया.
इस पर प्रियंका ने आपत्ति जताई और कहा कि जिस तरह से पुलिस ने उन्हें रोका, उससे हादसा भी हो सकता था. प्रियंका ने कुछ दूर पैदल चलकर, फिर स्कूटी से पुल पार किया. हालांकि, प्रियंका का आरोप है कि स्कूटी पर जाते वक्त पुलिस ने उनके साथ बदलसूकी की. उन्होंने कहा, 'स्कूटी पर मुझे रोका गया, गला दबाया गया, जिससे मैं गिर गई.'
प्रियंका स्थापना दिवस समारोह में शामिल होने के कुछ देर बाद विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए एस.आर. दारापुरी और पार्टी की पूर्व प्रवक्ता सदफ जफर के परिजनों से मिलने जा रही थीं. कुछ दूर तक पैदल मार्च करने के बाद गाड़ी से प्रियंका का काफिला दारापुरी के घर पहुंचा.
बताया जा रहा है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी कार्यालय से चुपचाप निकलकर कुछ पदाधिकारियों के साथ पोलीटेक्निक चौराहा पहुंचीं. गाड़ी को पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद प्रियंका वाड्रा पैदल मार्च करते हुए, पुलिस घेरे को भेदते हुए आगे बढ़ीं. इस दौरान पार्टी के शहर अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान भी उनके साथ रहे.
आईपीएस एसआर दारापुरी के घर प्रियंका
दारापुरी के परिजनों से मुलाकात करने के बाद प्रियंका सीएए के विरोध में जेल में बंद पूर्व प्रवक्ता सदफ जाफर के परिवार से मिलने चली गईं. राजधानी लखनऊ में बीते 19 दिसंबर को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन मामले में पूर्व आईपीएस दारापुरी नामजद किए गए थे.