निर्भया के दोषी मुकेश सिंह के विवादित इंटरव्यू पर बुधवार को कार्यवाही शुरू होते ही राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने सरकार को मुद्दे पर घेरा और स्पष्टीकरण की मांग की, जिसके बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में सरकार का पक्ष रखा. सिंह ने कहा कि जब उन्हें डॉक्यूमेंट्री की जानकारी मिली, वह व्यक्तिगत रूप से आहत हुए. गृह मंत्री ने हंगामे के बाद तिहाड़ जेल के डीजी को तलब किया है.
राज्यसभा में गृह मंत्री ने बताया कि डॉक्यूमेंट्री की इजाजत रिसर्च के नाम पर ली गई थी और किसी भी हालत में इसका प्रसारण नहीं होगा, वहीं सूचना प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है. प्रसारण पर रोक लगा दी गई है. मंत्री ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री की इजाजत यूपीए सरकार के समय दी गई थी और तब सुशील कुमार शिंदे गृह मंत्री थे. उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार ने मामले में फौरन कार्रवाई करते हुए प्रसारण पर रोक लगा दी है. इस बात की जांच की जा रही है कि तब किन परिस्थितियों में इंटरव्यू की इजाजत दी गई थी.'
राजनाथ सिंह ने कहा, 'सरकार ने जरूरी निर्देश दिए हैं. हमारी सरकार 16 दिसंबर 2012 की गैंगरेप घटना की सख्त और कड़े शब्दों में निंदा करती है. किसी भी संस्थान को ऐसी किसी घटना से जुड़े विषयों के कर्मशियल इस्तेमाल पर रोक है. हमारे सरकार के लिए महिला सम्मान और सशक्तिकरण पहली प्राथमिकता है.' गृह मंत्री ने सदन का बताया कि जानकारी मिलते ही उन्होंने खुद संबंध्िात प्रशासन से बात की और डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर रोक लगाने के लिए रात में ही आदेश जारी करवाया.
आश्चर्य है आदेश कैसे मिला
गृह मंत्री ने कहा कि उन्हें आश्चर्य लग रहा है कि मीडिया संस्थान को किन परिस्थितियों में डॉक्यूमेंट्री बनाने और इंटरव्यू का आदेश मिला. सिंह ने कहा, 'इस ओर अब तक का जो प्रोसेजर रहा है, जरूरत पड़ी तो सरकार उसका रिव्यू करेगी. साथ ही सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसे किसी प्रसारण का आदेश नहीं दिया जाए.'
विपक्ष की ओर से गैंगरेप के दोषी को फांसी दिए जाने के सवाल पर राजनाथ सिंह ने कहा कि यह मामला कोर्ट के अधीन है इसलिए फांसी के मुद्दे पर सरकार का कुछ भी कहना सही नहीं रहेगा.
विपक्ष समेत बीजेपी के तीखे तेवर
इससे पहले बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर जया बच्चन ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आखिर सरकार को कार्रवाई करने में 2 दिन का समय क्यों लग गया. सरकार मगरमच्छ के आंसू रो रही है. बीजेपी नेता विनय कटियार ने सरकार से इंटरव्यू की अनुमति दिए जाने वालों के खिलाफ जांच की मांग की, वहीं जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि ये किसी पार्टी से जुड़ा मामला नहीं है बल्कि ये औरतों की सम्मान से जुड़ा मामला है.