एक बार फिर दिल्ली सरकार और दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग आमने सामने हैं. इस बार मामला कार्यकारी मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर है. दिल्ली सरकार ने जंग पर आरोप लगाया है कि उन्होंने एक चुनी हुई सरकार को अनदेखा कर, सीएम और डिप्टी सीएम को बाइपास कर शकुंतला डी गैमलिन को चीफ सेक्रेटरी का अतिरिक्त पदभार सौंपा है.
दिल्ली सरकार ने बयान जारी कर कहा, 'उप राज्यपाल नजीब जंग ने अद्भुद तरीके से नियुक्ति का नोटिस सीधे सेक्रेटरी (सर्विसेज) को भेजा और शकुंतला डी गैमलिन को दिल्ली के मुख्य सचिव का अतिरिक्त पदभार सौंप दिया.'
जंग पर कानून के उल्लंघन का आरोप
डायरेक्टोरेट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड पब्लिसिटी की ओर से जारी बयान में संविधान का हवाला देते कहा गया, 'माननीय एलजी के पास संविधान के अतंर्गत ऐसी कोई शक्ति नहीं है
जिसके तहत वो एक चुनी हुई सरकार को दरकिनार कर सचिवों को निर्देश जारी कर सकें.' दिल्ली सरकार ने जंग पर आरोप लगाया है कि उन्होंने संविधान, जीएनसीटी ऑफ
दिल्ली एक्ट और ट्रैंजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स के खिलाफ जाकर नोटिफिकेशन जारी किया है.
LG का सीएम को जवाब, 'संविधान की धारा 238AA के तहत हुई गैमलिन की नियुक्ति'
शकुंतला गैमलिन की नियुक्ति को जायज ठहराते हुए उप राज्यपाल के सचिवालय की ओर से प्रेस रिलीज जारी किया गया है. इस रिलीज के मुताबिक, 'संविधान की धारा
238AA के अनुसार उपराज्यपाल राज्य प्राधिकरण का प्रतिनिधी होता है. इस लिहाज से वो सीएम से परामर्श कर कार्यवाहक मुख्य सचिव की नियुक्ति करने में सक्षम है.'
जंग के सचिवालय से कहा गया है कि कार्यवाहक मुख्य सचिव से जुड़ी फाइल को 13 मई 2015 को ही पास कर दिया गया था. शकुतला गैमलिन के नाम को मंजूरी इसलिए दी गई थी क्योंकि वो अनुऊवी हैं और उनका ट्रैक रिकॉर्ड भी अच्छा रहा है. लेकिन मुख्यमंत्री की ओर जिस नाम की सिफारिश की गई थी वो सर्विसेज डिपार्टमेंट की ओर से जारी की गई लिस्ट में शामिल नहीं थी. साथ ही उस अधिकारी को दिल्ली सरकारी की ओर से अभी तक कोई पोस्टिंग मिली है.
शकुंतला डी गैमलिन की नियुक्ति पर बवाल क्यों?
दिल्ली सरकार ने 1984 बैच की आईएएस अधिकारी शकुंतला डी गैमलिन के कामकाज पर सवाल उठाया है. केजरीवाल सरकार के मुताबिक गैमलिन बिजली कंपनियों के बेहद
करीब हैं और उन्होंने इन कंपनियों के लिए लॉबिंग भी की है. इनी दलीलों के आधार पर केजरीवाल सरकार ने शकुंतला डी गैमलिन की नियुक्ति पर आपत्ति दर्ज की है.
पहली बार बिना चीफ सेक्रेटरी के सेक्रेटेरियट में हुआ कामकाज
दिल्ली सचिवालय ने गुरुवार और शुक्रवार को पहली बार बिना चीफ सेक्रेटरी के कामकाज किया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आम आदमी पार्टी सरकार की ओर से इस पद का
कार्यभार संभालने के लिए किसी नाम को फाइनल नहीं किया गया था. गौरतलब है कि चीफ सेक्रेटरी केके शर्मा के 10 दिनों की लंबी छुट्टी पर चले जाने के कारण यह कुर्सी खाली
पड़ी है.