scorecardresearch
 

मेयर चुनाव में पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति पर बवाल, फिर आमने-सामने दिख रहे दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल

आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ गुप्ता ने मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "यह परंपरा है कि सदन के वरिष्ठतम सदस्य को प्रोटेम स्पीकर या पीठासीन अधिकारी के रूप में नामित किया जाता है. लेकिन बीजेपी सभी लोकतांत्रिक परंपराओं और संस्थानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है."

Advertisement
X
अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल वीके सक्सेना
अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल वीके सक्सेना

दिल्ली में केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल के बीच की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है. आए दिन किसी ने किसी मामले को लेकर दोनों में तकरार खुलकर नजर आती है. ताजा मामला नगर निगम में मेयर का चुनाव कराए जाने को लेकर है. दरअसल, शुक्रवार को होने वाले मेयर के चुनाव के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बीजेपी की पार्षद सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया है. जिसको लेकर आम आदमी पार्टी भड़की हुई है. कारण, आप की तरफ से पीठासीन अधिकारी के लिए आप पार्षद मुकेश गोयल के नाम का प्रस्ताव भेजा गया था.

Advertisement

आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ गुप्ता ने मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "यह परंपरा है कि सदन के वरिष्ठतम सदस्य को प्रोटेम स्पीकर या पीठासीन अधिकारी के रूप में नामित किया जाता है. लेकिन बीजेपी सभी लोकतांत्रिक परंपराओं और संस्थानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है."

बता दें कि बीजेपी पार्षद सत्या शर्मा पूर्वी दिल्ली नगर निगम की मेयर रह चुकी हैं. उन्हें ही राज्यपाल ने पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया है. वहीं आम आदमी पार्टी के मुकेश गोयल 1997 से पार्षद हैं और इस समय दिल्ली नगर निगम में सबसे पुराने पार्षद हैं. आम आदमी पार्टी की कोशिश थी कि पीठासीन अधिकारी उनकी पार्टी का पार्षद ही हो, हालांकि उपराज्यपाल ने बीजेपी पार्षद को ये जिम्मेदारी दे दी. पीठासीन अधिकारी को ही शुक्रवार को होने वाले दिल्ली नगर निगम में मेयर का चुनाव कराना है.

Advertisement

10 मनोनीत पार्षदों को लेकर भी आमने-सामने

बता दें कि दिल्ली नगर निगम के लिए उपराज्यपाल ने 10 पार्षदों को मनोनीत किया है. आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि ये सभी लोग बीजेपी के कार्यकर्ता हैं और इनके नाम सरकार की जानकारी के बिना उपराज्यपाल के भेजे गए हैं, जो कि ये गैर-संवैधानिक है. आप विधायक आतिशी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि जिस तरह उपराज्यपाल को नाम भेजे गए, उसमें दिल्ली सरकार को दरकिनार किया गया है. उचित प्रक्रिया यह है कि सरकार उपराज्यपाल को नाम भेजती है. LG द्वारा जारी मनोनीत पार्षद की लिस्ट को असंवैधानिक है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस मामले में एमसीडी आयुक्त को पत्र लिखा है. जिसमें आयुक्त से अवैध नामितियों के शपथ ग्रहण के संबंध में आगे कोई कार्रवाई नहीं करने की मांग की गई है.

Advertisement
Advertisement