वे कौन थे? सच किसी को नहीं पता. लेकिन जो कुछ हुआ उससे यूनाइटेड एयरलाइंस की यूए-83 फ्लाइट के पैसेंजर हैरान थे. दो 'रहस्यमयी' लोगों की वजह से दिल्ली से न्यू जर्सी जा रही फ्लाइट 46 मिनट की देरी से रवाना हुई.
वह भी तब, जब विमान टेकऑफ के लिए रनवे पर चलने लगा था. लेकिन उन दोनों को लेने के लिए विमान ने यू-टर्न लिया और फ्लाइट 46 मिनट देरी से रवाना हुई.
किसके फोन के बाद रुका विमान?
13 जून की रात घड़ी में 11:35 हो चुके थे. यूए-83 फ्लाइट के पैसेंजर बैठ चुके थे और फ्लाइट टेक-ऑफ के लिए तैयार थी. विमान रनवे पर धीरे-धीरे चलने भी लगा था. टेक-ऑफ में कुछ ही पल बाकी थे. तभी एक फोन कॉल आया और पायलट टीम ने टेक-ऑफ रोक दी. बताया जाता है कि यह फोन भारत सरकार की एक एजेंसी का था और उन्होंने विमान को बोर्डिंग एरिया में चढ़ने के लिए कहा था, ताकि दो 'रहस्यमयी' लोग फ्लाइट ले सकें.
एक सीनियर एविएशन अधिकारी ने मेल टुडे को बताया, 'एक फोन के बाद पायलटों को विमान को लौटाना पड़ा, क्योंकि उन्हें दो पैसेंजर्स को लेना था. विमान लौटकर उस एरिया में आया, जहां पैसेंजर विमान में चढ़ते हैं. यह हैरान करने वाली घटना है क्योंकि किसी एयरलाइंस को ऐसा करने की इजाजत नहीं है, जैसा यूनाइटेड एयरलाइंस ने किया.'
पहचान बताने से एयरलाइंस का इनकार
जब उन दो लोगों ने फ्लाइट में अपनी सीट ली तो अन्य यात्रियों में उनकी पहचान को लेकर सुगबुगाहट होने लगी. यूनाइटेड एयरलाइंस ने भी घटना की पुष्टि की लेकिन रहस्यमयी यात्रियों की पहचान बताने से इनकार कर दिया. एयरलाइंस के मुताबिक, ये दो लोग उन्हें इमिग्रेशन डिपार्टमेंट की ओर से सौंपे गए थे क्योंकि उन्हें भारत में एंट्री करने से रोक दिया गया था. एक अनुमान के मुताबिक, 46 मिनट की देरी के चलते विमान का 1.5 से 2 टन तक का अतिरिक्त फ्यूल खर्च हो गया.
लेकिन वे लोग कौन थे? क्या वे किसी विदेशी खुफिया एजेंसी के जासूस थे? उन्हें भारत में एंट्री करने से क्यों रोक दिया गया? इन सारे सवालों के जवाब अब तक नहीं मिले हैं.