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डोनाल्ड ट्रंप की 36 घंटे की भारत यात्रा पर सरकार ने खर्च किए केवल 38 लाख!, RTI में सामने आई जानकारी

डोनाल्ड ट्रंप जब भारत आए थे तब उन्होंने तीन अरब डॉलर के रक्षा समझौते का एलान किया था. उन्होंने घरेलू सुरक्षा, बौद्धिक संपदा कानून, सिविल न्यूक्लियर डील के तहत रिएक्टर समझौता, रक्षा सौदा और सीमित ट्रेड डील की थी. ट्रंप से पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दो बार भारत दौरा किया था. ओबामा पहली बार 2010 में भारत आए थे, उसके बाद 2015 में वे एक बार फिर भारत दौरे पर आए थे.

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ट्रंप के भारत दौरे पर खर्च का विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब (फाइल फोटो)
ट्रंप के भारत दौरे पर खर्च का विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब (फाइल फोटो)

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2020 में भारत के दौरे पर आए थे. भारत ने उनके स्वागत में ऐसी भव्य तैयारी की थी कि पूरी दुनिया में नमस्ते ट्रंप की गूंज सुनाई दी थी लेकिन क्या आपको पता है कि ट्रंप की इस 36 घंटे की यात्रा पर केंद्र सरकार ने कितना खर्च किया था. विदेश मंत्रालय ने केंद्रीय सूचना आयोग को बताया कि केंद्र सरकार ने ट्रंप की यात्रा पर करीब 38 लाख रुपये खर्च किए थे. 

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दरअसल एक आरटीआई के जरिए विदेश मंत्रालय से यह जानने की कोशिश की गई थी कि 2020 में हुई ट्रंप की यात्रा के दौरान भारत सरकार ने उनके भोजन, सुरक्षा, रुकने, उड़ाने और परिवहन आदि पर कुल कितना खर्च किया था.

अहमदाबाद, आगरा, नई दिल्ली का किया था दौरा

विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अपनी पहली भारत यात्रा पर ट्रंप ने पत्नी मेलानिया, बेटी इवांका, दामाद जेरेड कुशनर और कई शीर्ष अधिकारियों के साथ 24-25 फरवरी को अहमदाबाद, आगरा और नई दिल्ली का दौरा किया था.

ट्रंप ने 24 फरवरी को अहमदाबाद में तीन घंटे बिताए थे. इस दौरान उन्होंने 22 किलोमीटर लंबे रोड शो में भाग लिया. इसके बाद साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और नवनिर्मित मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक विशाल सभा "नमस्ते ट्रम्प" को संबोधित किया था.

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इसके बाद ट्रंप उसी दिन ताजमहल देखने गए थे. उन्होंने 25 फरवरी को नई दिल्ली का दौरा किया, जहां उन्होंने मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. 

24 अक्टूबर 2020 को दाखिल की गई थी RTI

जानकारी के मुताबिक आवेदनकर्ता ने 24 अक्टूबर 2020 को आरटीआई दाखिल की थी लेकिन उसे सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला था. इसके बाद आवेदनकर्ता ने पहली अपील दायर की और फिर बाद में आरटीआई मामलों में सर्वोच्च अपीलीय प्राधिकारी आयोग से संपर्क किया था.

वहीं विदेश मंत्री ने बताया कि कोविड के प्रकोप के कारण आरटीआई का जवाब देने में देरी हुई. इसके बाद इस साल 4 अगस्त विदेश मंत्रालय ने आयोग को आरटीआई की जानकारी दी.

विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि राजकीय यात्राओं पर राष्ट्राध्यक्षों या दूसरे देश की सरकारों के प्रमुखों के देश में आने पर उनकी अच्छी तरह से मेजबानी करने की प्रथा है. तय मानदंडों के मुताबिक ही उनकी यात्राओं पर खर्च किया जाता है. 

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