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दिल्ली-NCR में प्रदूषण रोकने के लिए स्वीपिंग मशीनों से सफाई, GPS से की जा रही ट्रैकिंग

एक्सपर्ट की माने तो राजधानी में निजी वाहनों का प्रदूषण बढ़ा है और इससे निकलने वाला धुआं दिल्ली की आबोहवा को ज़हरीला बना रहा है. सड़क पर पड़ी मिट्टी गाड़ियों के चलने पर धुंआ बनकर उड़ जाती है.

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 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों से सफाई
मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों से सफाई
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली-NCR में प्रदूषण रोकने के लिए स्वीपिंग मशीनों का इस्तेमाल
  • दिन-रात स्वीपिंग मशीनों से चल रहा सफाई का काम, जीपीएस के जरिए हो रही ट्रैकिंग

दिल्ली-एनसीआर में बढ़े हुए वायु प्रदूषण और धुंध की चादर ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. अब सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद बाहर से आने वाले ट्रकों की दिल्ली में एंट्री पर रोक है. दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए अब दिल्ली नगर निगम जीपीएस युक्त मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों को राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में तैनात किया है.
 
एक्सपर्ट की मानें तो राजधानी में निजी वाहनों का प्रदूषण बढ़ा है और इससे निकलने वाला धुआं दिल्ली की आबोहवा को ज़हरीला बना रहा है. सड़क पर पड़ी मिट्टी गाड़ियों के चलने पर धुंआ बनकर उड़ जाती है.

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यही वजह है कि सड़क पर पड़ी मिटी को खत्म करने के लिए दिल्ली निगम के डेम्स विभाग ने अलग-अलग ज़ोन में मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें तैनात कर दी हैं. उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC) के डेम्स विभाग (पर्यावरण एवं प्रबंधकीय विभाग) के चेयरमैन सुजीत ठाकुर के मुताबिक  मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें दिन के अपेक्षाकृत रात को ज्यादा चल रही हैं.

18 स्वीपिंग मशीनें तैनात

केशव पुरम, नरेला, करोल बाग, सिविल लाइन ज़ोन को मिला कर 18 स्वीपिंग मशीनें तैनात की गई है. नॉर्थ एमसीडी के 6 जोन में कुल 18 स्वीपिंग मशीनों का इस वक्त धूल हटाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं 129 पानी के टैंकर को भी इसी काम में लगाया गया है.

बात अगर ईस्ट दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (EDMC) के सभी 64 वार्ड की करें तो इनमें 10 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों का इस्तेमाल धूलकणों को हटाने के लिए किया जा रहा है. इसके अलावा 40 पानी छिड़कने वाली मशीनों का इस्तेमाल पार्क, पेड़ों की धुलाई में किया जा रहा है ताकि धुंध रोकी जा सके.

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इसके अलावा गाजीपुर में दो मोबाइल एंटी स्मॉग गन चल रही है. पांडव नगर के पार्षद अशोक अग्रवाल का कहना है प्रदूषण को कम करने के लिए बेहतर तालमेल के साथ दिल्ली सरकार को काम करना चाहिए. अफसरों की छुट्टी करके प्रदूषण को खत्म नहीं किया जा सकता.

69 स्वीपिंग मशीनों की खरीद में पैसा देने को तैयार दिल्ली सरकार

सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार ने अपने एक्शन प्लान को लेकर कहा है कि राजधानी की 8500 किलोमीटर सड़कों की सफाई के लिए कुल 69 स्वीपिंग मशीनों की खरीद में पैसा देने को तैयार है.

आज तक ने रिएलिटी चेक में पाया कि मैकेनिकल  स्वीपिंग मशीनों को चलाने वाले डेम्स विभाग में कार्यरत सफाई कर्मचारियों को अक्टूबर तक की सैलरी मिल चुकी है. हालांकि शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासनिक विभाग में काम करने वाले पहले दूसरे और तीसरे श्रेणी के कर्मचारियों को 2 महीने की सैलरी अभी नहीं मिली है.

डिम्स के अधिकारी ने बताया कि मैकेनिकल  मशीनों की मॉनिटरिंग निगम मुख्यालय सिविक सेंटर से होती है. हालांकि गाड़ियों के मेंटेनेंस का जिम्मा प्राइवेट एजेंसी के पास है.

दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के मुताबिक दिल्ली में रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या करीब 1 करोड़ 18 लाख है. इसके अलावा लाखों वाहन दिल्ली की सीमा  को क्रॉस करते हैं. आंकड़े के मुताबिक 18 लाख वाहन ऐसे हैं जिनके पास प्रदूषण नियंत्रक प्रमाण पत्र नहीं है. इसमें 13 लाख दोपहयिया और 5 लाख कारें हैं.

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