दिल्ली के मशहूर वसंत वैली स्कूल में 'आज तक' हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. दो दिन की इस वाद-विवाद प्रतियोगिता का शुक्रवार को फाइनल राउंड था. विषय था- मीडिया के लिए राष्ट्रवाद की अपेक्षा निष्पक्षता अधिक महत्वपूर्ण है. कार्यक्रम में स्कूली छात्रों ने बेबाकी से अपनी राय रखी. मीडिया पर उठते सवालों पर स्कूली छात्रों के तर्कों का ये टकराव वाकई काबिल-ए-तारीफ था.
प्रतियोगिया में 27 स्कूलों ने लिया हिस्सा
'आज तक हिन्दी वाद विवाद प्रतियोगिता' के फाइनल राउंड का विषय जितना गंभीर था छात्रों के लिए तर्क पेश करने की चुनौती भी उतनी ज्यादा. तीन चरणों में आयोजित इस प्रतियोगिता में दिल्ली-एनसीआर के 27 स्कूलों ने हिस्सा लिया. पहले चरण में आक्सफोर्ड स्टाइल डिबेट, दूसरे चरण में टर्न कोट और तीसरे चरण में संसदीय वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. पहले दो चरणों में शानदार प्रदर्शन करते हुए ज्ञान भारती स्कूल और डीपीएस आर के पुरम स्कूल फाइनल राउंड में पहुंचे.
मीडिया को लेकर उठे सवाल
ज्ञान भारती स्कूल की छात्रा पलक सिंह ने विषय के पक्ष में कहा कि 'मीडिया राष्ट्रवादी तब हो जाता है जब मीडिया निर्णय सुनाने लग जाता है. मीडिया का काम है हर पहलू को लोगों तक पहुंचाना. लेकिन जब मीडिया खुद निर्णय लेने लग जाता है तो मीडिया राष्ट्रवादी हो जाता है. मीडिया का निष्पक्ष होना हमारे राष्ट्रवाद के लिए भी जरूरी है, इसलिए मीडिया को निष्पक्ष होना चाहिए'. डीपीएस आर के पुरम के छात्र निकेत ने विषय के विपक्ष में कहा, 'अगर मीडिया 24 घंटे यही बताए कि हमारे नेता भ्रष्टाचारी है, हमारे देश में रोज बलात्कार हो रहे हैं तो हमारे युवाओं के मन में यही सवाल उठेगा कि मैं इस देश में क्यों रहूं. यहां तो सिर्फ भ्रष्टाचार है, युवा निराश होगा. लेकिन अगर हम ये बताएं कि हमारा देश कैसे तरक्की कर रहा है. हम कैसे महान बन सकते हैं, क्या सुधार होना चाहिए तो हम सही दिशा में राष्ट्रवाद को बढ़ावा दे पाएंगे.
ज्ञान भारती स्कूल की छात्राओं ने मारी बाजी
डीपीएस आर के पुरम और ज्ञान भारती स्कूल के छात्रों ने फाइनल राउंड में एक से बढ़कर एक तर्क दिए. और प्रतियोगिता जीतने में ज्ञान भारती स्कूल की छात्राएं कामयाब रहीं. जीत के बाद ज्ञान भारती स्कूल की छात्रा मृदांशी खट्टर ने कहा कि हम सिर्फ बेस्ट परर्फामेंस देने के लिए आए थे, सोचा नहीं था कि फाइनल तक पहुंचेंगे. लेकिन फाइनल जीतने के बाद बहुत खुशी हो रही है. हमने नए दोस्त बनाएं और बहुत कुछ सीखा इस प्रतियोगिता से, जो जीवन भर हमें याद रहेगा. डीपीएस आर के पुरम के छात्रों से जीत जरूर फिसली, लेकिन छात्रों ने हार ना मानते हुए अगली बार जीतने का जोश बरकरार रखाय डीपीएस की छात्रा अन्वेषा ने कहा कि थोड़ा अफसोस है लेकिन हारकर भी हमने बहुत कुछ सीखा है. कुछ कमी रही है तो इसे सुधारेंगे और अगली बार जीतने के लिए आएंगे. बेस्ट स्पीकर का खिताब डीपीएस आर के पुरम के छात्र उदय को मिला.
6 सालों से प्रतियोगिया का आयोजन
वसंत वैली स्कूल के हिन्दी विभाग के प्रमुख विजय त्रिवेदी के मुताबिक ऐसी प्रतियोगिताएं स्कूली छात्रों को ज्वलंत मुद्दों पर सोचने पर मजबूर कर देती है. प्रतियोगिता के लिए इस विषय को इसलिए चुना गया क्योंकि आज जहां भी जाते हैं मीडिया पर ही बहस होती है. इसलिए हम चाहते थे कि वाद-विवाद प्रतियोगिता के जरिए लोग जानें कि स्कूली बच्चे इस पर क्या सोचते हैं. आपको बता दें कि साल 2011 से वसंत वैली स्कूल में आयोजित होने वाले इस 'आज तक हिन्दी वाद विवाद प्रतियोगिता' का ये छठा संस्करण था. पिछले साल ये प्रतियोगिता होम स्कूल वसंत वैली ने ही जीता था.