1 जनवरी 2016 से दिल्ली की सड़कों की तस्वीर में बड़ा बदलाव आ सकता है. प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली में मौजूद करीब 80 लाख गाड़ियों को अब दिन के हिसाब से ही निकलने की इजाजत होगी. एक दिन सिर्फ सम नंबर वाली गाड़ियां ही चलेंगी तो दूसरे दिन विषम नंबर वाली गाड़ियां ही सड़कों पर दिखाई देंगी. अगर ऐसा होता है तो हर दिन दिल्ली की सिर्फ आधी गाड़ियां यानि के 40 लाख गाड़ियां ही दिल्ली की सड़कों पर निकल सकती हैं. फिलहाल ये नियम सिर्फ दिल्ली के नंबर प्लेट वाली गाड़ियों पर ही लागू होगा.
क्या रहेगा फॉर्मूला
दिल्ली सरकार राजधानी में प्रदूषण को कम करने के लिए ऐसी व्यवस्था लागू करने जा रही है कि एक दिन सड़कों पर सिर्फ वो ही गाड़ी चलेंगी जिन की नंबर प्लेट का आखिरी अंक अंक 0, 2, 4, 6 और 8 होगा वो सम नंबर वाली गाड़ियों की श्रेणी में आएंगी. जिन गाड़ियों के नंबर प्लेट का आखिरी अंक 1, 3, 5, 7 और 9 होगा वो सभी विषम गाड़ियां होंगी.
वीआईपी नंबर, इमरजेंसी नंबर और पीसीआर नंबर वाली गाड़ियों पर फैसला नहीं
फिलहाल वीआईपी नंबर, इमरजेंसी नंबर, पीसीआर नंबर और दूसरी जरुरी सेवाओं वाली गाड़ियों को इस व्यवस्था के दायरे में लाने को लेकर फैसला लिया जाना बाकी है.
दिल्ली सरकार का दावा, आधा हो जाएगा दिल्ली का प्रदूषण
दिल्ली सरकार इस व्यवस्था को लागू करने के पीछे तर्क दे रही है कि इससे राजधानी का प्रदूषण घट कर आधा रह जाएगा. सरकार का दावा है कि इससे दिल्ली का ट्रैफिक भी कम होगा.
किरेन रिजिजू बोले- हमारे पास नहीं आया कोई प्रस्ताव
गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने इस नई व्यवस्था पर कहा है कि उनके पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है. वहीं, अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के मुताबिक व्यवस्था व्यावहारिक होनी चाहिए.
फॉर्मूले की खास बातें-