देश की राजधानी की एक अदालत साल 2010 के कुख्यात धौलाकुआं अपहरण और गैंगरेप मामले में सोमवार को फैसला सुनाएगी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट ने 8 सितंबर को मामले की अंतिम दलील सुनने के बाद 22 सितंबर के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया था.
गौरतलब है कि शमशाद उर्फ खुटकन, उस्मान उर्फ काले, साहिद उर्फ छोटा बिल्ली, इकबाल उर्फ बड़ा बिल्ली और कमरुद्दीन ने दक्षिणी दिल्ली के धौला कुआं इलाके से कॉल सेंटर में काम करने वाली 30 वर्षीय युवती का अपहरण कर उसके साथ गैंगरेप किया था.
पुलिस के मुताबिक, पूर्वोत्तर की रहने वाली युवती का पांच लोगों ने 24 नवंबर, 2010 को तब अपहरण कर लिया था, जब वह शिफ्ट खत्म करने के बाद अपनी एक मित्र के साथ घर लौट रही थी.
अपहरणकर्ता उसे मंगोलपुरी इलाके में ले गए, जहां उसके साथ सभी ने मिलकर गैंगरेप किया और फिर उसे एक सुनसान सड़क पर अकेला छोड़कर फरार हो गए. इसके बाद पांचों आरोपियों को हरियाणा के मेवात से गिरफ्तार किया गया. उन्होंने दावा किया था कि वे निर्दोष हैं और उन्हें इस मामले में फंसाया गया है
. पांचों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत गैंगरेप, आपराधिक धमकी देने और अपहरण का मुकदमा चलाया गया. इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी कॉल सेंटरों को एक आदेश जारी किया था कि वे महिलाकर्मियों को सुरक्षा प्रदान करते हुए सुरक्षित घर तक छोड़ें.