दिल्ली के वर्ष 2008 में हुए बटला हाउस एनकाउंटर में साकेत कोर्ट ने आतंकी श्ाहजाद अहमद दोषी करार कर दिया गया है. शहजाद की सजा पर सोमवार को बहस होगी.
पांच साल पहले जामिया नगर इलाके के बाटला हाउस में एक एनकाउंटर हुआ था. उस एनकाउंटर में दो आतंकी तो मारे ही गए थे. दिल्ली पुलिस के एक जांबाज इंस्पेक्टर एमसी शर्मा भी शहीद हुए थे. अब पांच साल बाद इस एनकाउंटर की हकीकत पर अदालत का फैसला आना है. इस फैसले से कई बातें तय होंगी. जिसमें सबसे पहला यह है कि 13 सितंबर 2008 को जो कुछ हुआ, क्या वो वाकई ठीक वैसा ही था जैसा पुलिस के दस्तावेजों से दिखाई दे रहा है या उसका सच कुछ और भी है?
इसके अलावा अदालत इस मामले के इकलौते संदिग्ध आतंकी शहजाद उर्फ पप्पू के बारे में भी फैसला सुना सकती है. पुलिस ने शहजाद उर्फ पप्पू को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से गिरफ्तार किया था. शहजाद पर पुलिस का यह इल्जाम है कि जामिया नगर के बाटला हाउस में जिस वक्त आतंकियों के साथ पुलिस की मुठभेड़ हो रही थी, वह उसी मकान में मौजूद था जहां आतंकी ठहरे हुए थे. अदालत में दाखिल पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक शहजाद ही वह आतंकी है, जिसने पुलिस पर फायरिंग की और उसकी ही एक गोली से इंस्पेक्टर एसी शर्मा की जान गई.
अपनी चार्जशीट में पुलिस ने यही कहा है कि उस मुठभेड़ के दौरान शहजाद अपने दोस्त जुनैद के साथ बालकनी से कूदकर फरार हो गया था. इस मामले में पुलिस की तरफ से 29 अप्रैल 2010 में दाखिल की गई चार्जशीट के मुताबिक मोहम्मद सैफ, मोहम्मद आतिफ, अमीन उर्फ बशीर और मोहम्मद साजिद को आरोपी बताया गया है, जबकि उसी चार्जशीट में ये भी दर्ज है कि दो आतंकी इस एनकाउंटर में मारे गए थे.
पुलिस के मुताबिक यह सभी आतंकवादी इंडियन मुजाहिदीन आतंकवादी संगठन से थे, जो अहमदाबाद और दिल्ली धमाकों में तो शामिल थे ही, उनकी प्लानिंग दिल्ली में तब और धमाके करने की थी. इस एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस ने मोहन चंद्र शर्मा जैसा अपना एक जांबाज सिपाही भी खोया, लेकिन इसके बाद भी यह एनकाउंटर काफी सवालों के घेरे में भी रहा समय-समय पर कुछ लोगों ने इसे फेक एनकाउंटर कहने में भी देर नहीं की.
उधर, दिल्ली पुलिस को यकीन है कि उनका केस काफी मजबूत है. पुलिस के मुताबिक एनएचआरसी की रिपोर्ट और हाई कोर्ट का फैसला उनके हक में है और इस मामले के तमाम सबूत अदालत के सामने हैं. लिहाजा पुलिस को उम्मीद है कि आरोपी सहजाद को सजा हो सकती है.
क्या है बटला हाउस एनकाउंटर केस
19 सितंबर 2008 को हुआ बटला हाउस एनकाउंटर करीब डेढ़ घंटे तक चला था. दरअसल, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को खबर मिली थी कि पांच दिन पहले यानी 13 सितंबर को दिल्ली में हुए सीरियल ब्लास्ट के संदिग्ध आतंकवदी बटला हाउस के एक घर में छुपे हैं. इसके बाद पुलिस इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा के नेतृत्व में उस घर को घेर लेती है. इंस्पेक्टर शर्मा ने अपनी 21 साल की पुलिस की नौकरी में 60 आतंकवादियों को मार गिराया था, जबकि 200 से ज्यादा खतरनाक आतंकवादियों और अपराधियों को गिरफ्तार भी किया था. लेकिन एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर मशहूर इस जांबाज इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा के लिये बटला हाउस का यह एनकाउंटर आखिरी साबित हुआ.