दिल्ली के कथित शराब घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आम आदमी पार्टी के नेता विजय नायर को पिछले दिनों गिरफ्तार किया था. सीबीआई ने गिरफ्तारी के बाद विजय नायर को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश कर सात दिन की कस्टडी मांगी थी लेकिन कोर्ट ने पांच दिन की कस्टडी दी थी. कस्टडी समाप्त होने पर सीबीआई ने विजय नायर को सोमवार के दिन राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया.
सीबीआई ने दिल्ली की नई शराब नीति के मामले में गिरफ्तार विजय नायर की चार दिन की कस्टडी मांगी. राउज एवेन्यू कोर्ट के जज रघुवीर सिंह की अदालत ने सीबीआई की कस्टडी की मांग मंजूर कर ली और विजय नायर को चार दिन के लिए सीबीआई की कस्टडी में भेजने का आदेश दिया. विजय नायर को अब 6 अक्टूबर तक सीबीआई की कस्टडी में रहना होगा.
CBI ने विजय नायर को पांच दिन की कस्टडी समाप्त होने के बाद कोर्ट में पेश किया था. सीबीआई ने विजय नायर की हिरासत की अवधि चार दिन और बढाने की मांग करते हुए कहा कि आमने-सामने की पूछताछ में भी वो सही नहीं बोल रहा है. सीबीआई ने कोर्ट को ये भी बताया कि विजय नायर को गवाहों के साथ आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई है. अभी कई अन्य गवाहों के साथ भी आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जानी है.
विजय के वकील ने कस्टडी की मांग का किया विरोध
विजय नायर के वकील रमेश गुप्ता ने सीबीआई की ओर से कस्टडी मांगे जाने का विरोध किया. रमेश गुप्ता ने कहा कि सीबीआई ने पांच दिन में क्या पूछताछ की है इसका ब्यौरा दे. कस्टडी नहीं बढाई जानी चाहिए. उन्होंने विजय नायर को जबरन कस्टडी में रखे जाने की बात कही और ये भी कहा कि सीबीआई पूछताछ के नाम पर जरूरी केस डायरी मेंटेन नहीं कर रही है. केस डायरी को सीबीआई कोर्ट के सामने रखे.
सीबीआई चाह रही डिप्टी सीएम के खिलाफ बयान
विजय नायर के वकील ने कहा कि कस्टडी के लिए सीबीआई वही दलील आज भी दे रही है जिस दलील के आधार पर पिछली बार कस्टडी मांगी गई थी. विजय नायर को जब भी पूछताछ के लिए बुलाया गया, वे गए लेकिन सहयोग नहीं करने की दलील दी जा रही है. उन्होंने कोर्ट में कहा कि सीबीआई चाहती है कि विजय नायर डिप्टी सीएम के खिलाफ बयान दे दें.
अपने आप में टॉर्चर होती है कस्टडी
रमेश गुप्ता ने कोर्ट में दलील दी कि विजय नायर को पूछताछ के लिए सात बार बुलाया गया और हर बार वे गए. सीबीआई के बुलाने पर आठवीं बार भी गए और तब गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी किस आधार पर की गई? इतने पर भी सीबीआई कह रही है कि जांच में सहयोग नहीं कर रहे. उन्होंने कस्टडी के दौरान सीबीआई अधिकारियों का व्यवहार ठीक होने की बात कही और साथ ही ये भी जोड़ा कि कस्टडी अपने आप में टॉर्चर होती है. सात साल से कम की सजा का मामला है और इसमें गिरफ्तार करने की कोई जरूरत नहीं है.
सीबीआई नहीं बता रही जांच में क्या मिला
विजय नायर के वकील रमेश गुप्ता ने राउज एवेन्यू कोर्ट में ये दलील भी दी कि आर्थिक अपराध में गिरफ्तार करने की क्या जरूरत है. आप पूछताछ के लिए बुलाकर पूछताछ करिये. उन्होंने कहा कि सीबीआई ये नहीं बता रही है कि अबतक की जांच में क्या मिला. विजय नायर के वकील ने कोर्ट से सीबीआई की कस्टडी में न भेजकर न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाए. सीबीआई की ओर से कोर्ट में कहा गया कि बड़ा केस है. इसमें चार से पांच दिन में जांच पूरी करना कठिन है.