बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा मनाया गया. दिल्ली समेत देश के तमाम हिस्सों में रविवार को रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले जलाए गये.दिल्ली के सुभाष मैदान में रावण दहन के दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद थे. इनके साथ प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा भी थे. इसके बाद ये लोग रामलीला मैदान गये.
रावण वध से पहले प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी ने की राम-लक्ष्मण की आरती की. पारंपरिक रूप से दशहरा महोत्सव में प्रधानमंत्री जनता का प्रतिनिधित्व करते है. जैसे ही पटाखों से लैस पुतले धू-धूकर जलने शुरू हुए लोग खुशी से झूम उठे. सुभाष मैदान में रावण दहन के लिए उपराष्ट्रपति और दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के अलावा तमाम बड़े दूसरे दिग्गज राजनीतिज्ञ मौजूद थे. इतने सारे वीआईपी मूवमेंट के कारण मैदान में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे.
इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पूरे देश को विजयादशमी की बधाई दी और कहा कहा दशहरा सभी के लिए संयम सीखने का दिन है. दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग और मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भी विजयादशमी और दशहरा के अवसर पर आज नागरिकों को बधाई दी. जंग ने कहा कि दशहरा का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है. जबकि शीला दीक्षित ने अपने संदेश में कहा कि यह त्योहार राजधानी की साझा संस्कृति को दर्शाता है.
पुलिस की चौकसी के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में दशहरा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. नोएडा में विजयजादशमी का त्योहार धूम-धाम से मनाया गया. नोएडा स्टेडियम में रावण के पुतले को जहां भ्रष्टाचार का नाम दिया गया, वहीं मेघनाथ को महिला उत्पीड़न का और कुंभकर्ण को मंहगाई के प्रतीक के रुप में दिखाया गया. इस मौके पर स्टेडियम में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.
उधर जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में भी धूमधाम से दशहरा मनाया गया. यहां रावण दहन देखने के लिए काफ़ी संख्या में लोग पहुंचे. जबकि मुंबई की गिरगांव चौपाटी पर रावण का हाईटेक पुतला तैयार किया गया था. आंख, मुंह और हाथ हिलाते रावण ने दर्शकों को खूब लुभाया. जबकि अहमदाबाद में भी 40 फुट ऊंचे दशानन रावण के पुतले का दहन हुआ. पुतले में आग लगते ही रौशनी से सराबोर हुआ पूरा आसमान.
बहरहाल, देश के पूर्वी तट पर चक्रवात की वजह से दशहरे का रंग कुछ जगहों पर फीका नजर आया. रांची में भले ही रावण दहन सोमवार के लिए टल गया हो. लेकिन पटना में रविवार शाम ही पुतला जलाया गया. हालांकि यहां काफ़ी बादल छाये थे, और बूंदाबांदी भी हो रही थी.
उधर विजयादशमी के मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने शस्त्र पूजा की. गांधीनगर में आयोजित समारोह में मोदी ने पुराने से लेकर नए तमाम तरह के हथियारों की पूजा की. उन्होंने हथियारों की आरती भी उतारी. खास बात ये रही कि शस्त्र पूजा के मौके पर मोदी ने राजनीति की कोई बात नहीं की. उन्होंने लोगों को शस्त्र पूजा की पुरानी परंपरा के बारे में जानकारी दी.
क्या है दशहरे का महत्व और मान्यता ?
- दशहरे के दिन ही भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी.
- इसी दिन नवरात्रि की समाप्ति भी होती है , और इसी दिन देवी की प्रतिमा का विसर्जन भी होता है.
- इस दिन अस्त्र-शस्त्रों की पूजा की जाती है और विजय पर्व मनाया जाता है.
- इस दिन अगर कुछ विशेष प्रयोग किये जाएं तो अपार धन की प्राप्ति हो सकती है.
इस दिन किसकी पूजा करनी चाहिए और उससे क्या लाभ हैं ?
- इस दिन महिषासुरमर्दिनी माँ दुर्गा और भगवान राम की पूजा करनी चाहिए.
- इससे सम्पूर्ण बाधाओं का नाश होगा और जीवन में विजय श्री प्राप्त होगी.
- आज अस्त्र-शस्त्र की पूजा करने से उस अस्त्र शस्त्र से नुकसान नहीं होता.
- आज के दिन माँ की पूजा करके आप किसी भी नए कार्य की शुरुआत कर सकते हैं.
- नवग्रहों को नियंत्रित करने के लिए भी आज की पूजा अदभुत होती है.
कैसे करें नवरात्रि की पूजा का समापन , कैसे मनाये दशहरा ?
- आज दोपहर बाद पहले देवी की फिर श्रीराम की पूजा करें.
- देवी और श्री राम के मन्त्रों का जाप करें.
- अगर कलश की स्थापना की है , तो नारियल हटा लें , उसको प्रसाद रूप में ग्रहण करें.
- कलश का जल पूरे घर में छिड़क दें , ताकि घर की नकारात्मकता समाप्त हो.
- जिस स्थान पर पूरी नवरात्रि पूजा की है , उस स्थान पर रात्रि भर दीपक जलाएं.
- अगर आप शस्त्र पूजा करना चाहते हैं तो शस्त्र पर तिलक लगाकर रक्षा सूत्र बांधें.
दशहरा पर आमतौर पर रावण जलाया जाता है. मगर मध्यप्रदेश में सैकड़ों लोग ऐसे भी हैं जो अपनी बरसों पुरानी मान्यताओं और किंवदंतियों के चलते इस दिन दस सिर वाले इस पौराणिक पात्र का पुतला जलाने की बजाय उसे पूजने की परंपरा निभा रहे हैं.
इंदौर का जय लंकेश मित्र मंडल पिछले चालीस साल से दशहरे पर रावण की पूजा कर रहा है. यह संगठन रावण को भगवान शिव का परम भक्त और महाविद्वान मानता है. संगठन के प्रमुख महेश गौहर ने बताया कि इस बार भी दशहरे पर पूरे विधि-विधान से रावण की पूजा-अर्चना की गयी. इस मौके पर रावण संहिता के पाठ और कन्याओं के पूजन के साथ हवन और प्रसाद वितरण भी किया गया. प्रदेश में मंदसौर, विदिशा, खरगौन, छिंदवाड़ा और उज्जैन जिलों में भी रावण को अलग-अलग रूपों में पूजा जाता है.