दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने पेट्रोल और डीजल पंपों की हड़ताल से जनता को होने वाली परेशानी के लिए सीधे तौर पर दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के अड़ियल रवैये के कारण सभी को भारी नुकसान हो रहा है.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 व 2016 में दिल्ली सरकार ने पेट्रोल व डीजल की दो बार कीमतें बढ़ाईं और कहा कि उसे दिल्ली में तेल की कीमतों को अन्य उत्तरी राज्यों के बराबर लाना है लेकिन अब जब इन राज्यों ने तेल की कीमतों में कमी कर दी है तब सरकार दाम कम नहीं कर रही है. यह सरकार का दोगलापन है. सरकार के इस अड़ियल रवैये के कारण दिल्ली को और दिल्ली की जनता को बहुत नुकसान हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को दिल्ली से बाहर जाकर पेट्रोल डीजल खरीदना पड़ रहा है.
'बंद होने की कगार पर आ गए कुछ पेट्रोल पंप'
विजेंद्र गुप्ता ने मांग की है कि केजरीवाल सरकार अपना अड़ियल रवैया छोड़कर पेट्रोल व डीजल पर वैट काम करे. आम नागरिक को मजबूरन प्रति लीटर ढाई रुपये अधिक भुगतान करना पड़ रहा है जिसके कारण उस पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है. विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते दिल्ली में पेट्रोल व डीजल की बिक्री में कमी आई है जिससे पेट्रोल डीलरों की आय में भी भारी कमी आई है. उनका दावा है कि दिल्ली में कुछ पेट्रोल पंप तो बंद होने की कगार पर आ गए हैं और कुछ ने अपने कर्मचारियों की छटनी शुरू कर दी है.
मनोज तिवारी ने रावण से की केजरीवाल की तुलना
दिल्ली के बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी पेट्रोल पंप की हड़ताल के लिए केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराते हुए उनकी तुलना रावण से कर दी. मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री रावण प्रवृत्ति के हैं. जैसे रावण था वो जानता था कि उसका नाश होना है फिर भी अपने अभिमान में था उसी तरह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह रावण खुद भी डूबा और अपने पूरे कुल का नाश किया उसी तरह अरविंद केजरीवाल खुद भी डूबेंगे और दिल्ली को भी डूबा देंग. उन्होंने कहा कि जब सभी बीजेपी राज्य सरकारों ने पेट्रोल-डीजल के दाम में कमी की है तो फिर इनको क्या समस्या है?
बता दें कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उछाल के चलते आद राजधानी के सभी पेट्रोल-डीजल और सीएनजी पंप बंद रखे गए हैं. दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (डीपीडीए) ने केजरीवाल सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर वैट न घटाने के विरोध में यह फैसला लिया है.