दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया है कि दिल्ली के कई इलाकों में बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के बोरवेल, ट्यूबवेल और हैंडपम्पों को सील या बंद किया जा रहा है.
गुप्ता ने आरोप लगाया कि पहले तो केजरीवाल सरकार दिल्ली के लोगों को इन स्रोतों से दूषित पानी पिलाती रही और जब इस समस्या ने अपना गंभीर रूप दिखाया तो सरकार ने बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था किए इन स्रोतों को सील कर दिया है.
गुप्ता ने बताया कि NGT के 31 जनवरी 2018 के आदेशानुसार दिल्ली की सैकड़ों झुग्गी बस्तियों में जहां दिल्ली सरकार बोरवेल के जरिए पानी सप्लाई करती है, वहां अधिकांश पम्पों पर लाल बोर्ड लगा दिए गए हैं. इस पर लिखा है कि इनका पानी पीने योग्य नहीं है. परन्तु इन बस्तियों में रहने वाले गरीब लोगों के लिए पानी आपूर्ति करने के लिए सरकार ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है.
उन्होंने बताया कि इनमें बवाना, नरेला सहित दिल्ली की अन्य झुग्गी बस्तियां शामिल हैं. दिल्ली सरकार द्वारा इन लोगों के लिए पीने के पानी की वैकल्पिक व्यवस्था न किए जाने के कारण लाखों लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. बंद किए गए जल स्रोतों के कारण दिल्ली के अधिकांश क्षेत्र प्रभावित हैं. जिनमें माजरा डबास, बरवाला, औचंदी, रोहिणी, बांकनेर, नांगलोई, अशोक विहार, नजफगढ़ जैसे इलाके शामिल हैं.
गुप्ता ने आरोप लगाया कि जहां जल बोर्ड द्वारा पानी की आपूर्ति की भी जाती है वहां भी लोगों को मजबूरन पम्प लगाने पड़ते हैं क्योंकि पानी का प्रेशर होता ही नहीं. विजेंदर गुप्ता ने मांग की है कि केजरीवाल सरकार सुनिश्चित करे कि जहां-जहां दूषित पानी के कारण इन दूषित गैर कानूनी पानी के स्रोतों को सील या बंद किया गया है या बंद किया जा रहा है, वहां दिल्ली जल बोर्ड द्वारा स्वच्छ और इस्तेमाल लायक पानी की पर्याप्त व्यवस्था की जाए.
गुप्ता ने मांग की है कि दिल्ली में जहां-जहां पाइप द्वारा पीने का पानी नहीं पहुंचाया जा सकता वहां प्राप्त संख्या में पानी के टैंकर भेजने की व्यवस्था की जाए. उन्होंने कहा कि अगर पानी उपलब्ध नहीं कराया गया तो ये समस्या एक गंभीर रूप ले सकती है.