पटियाला हाउस कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में एलआइसी एजेंट आनंद चौहान की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. हालांकि ईडी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मामला निर्णायक स्थिति में है और अगर इस समय आरोपी को जमानत दी गई तो वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है.
पटियाला कोर्ट 23 दिसंबर को तय करेगा कि आनंद चौहान को जमानत दी जाए या नहीं. ईडी ने 9 जुलाई 2016 को आनंद चौहान को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया था. ईडी ने मामले में दायर की गई चार्जशीट में वीरभद्र के साथ ही एलआइसी एजेंसी आनंद को भी आरोपी बनाया है.
ईडी ने कोर्ट को बताया था कि जांच में सामने आया है कि चौहान ने गैर कानूनी तरीके से एलआईसी पॉलिसी के जरिए संपत्ति बनाई. वहीं केंद्रीय मंत्री रहते हुए वीरभद्र सिंह ने अपने और अपने परिवार के नाम पर एलआईसी पॉलिसी में बड़े पैमाने पर रुपयों का निवेश किया था.