दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ (डूसू) के नए सदस्यों के चुनाव के लिए शुक्रवार शाम मतदान खत्म हुआ. यहां 42.3 फीसदी मतदान हुआ. मतदान में विश्वविद्यालय के करीब एक लाख छात्र-छात्राएं हिस्सा लिए थे. चुनाव परिणाम की घोषणा शनिवार को की जाएगी.
मतदान की शुरुआत सुबह 8.30 बजे हुई थी. शाम में क्लास चलाने वाले कॉलेजों में दोपहर
तीन बजे से शाम सात बजे तक मतदान हुआ.
विश्वविद्यालय के 50 कॉलेजों को छात्र-छात्राएं मतदान के जरिए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव का चुनाव किए.
अध्यक्ष पद के लिए सात उम्मीदवार मैदान में थे, जबिक उपाध्यक्ष के लिए 30, सचिव के लिए 41 और संयुक्त सचिव के लिए
34 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला था.
डुसु चुनाव में मुख्य मुकाबला हमेशा कांग्रेस के छात्र संघ नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन आफ इंडिया (एनएसयूआई) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के छात्र संघ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बीच रहता है. पिछले साल चुनाव में एबीवीपी ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव का पद अपने नाम किया था, जबकि एनएसयूआई के उम्मीदवार को सचिव पद पर जीत हासिल हुई थी.
विश्वविद्यालय में मुख्य एजेंडा छात्रावास, पूर्वोत्तर का मुद्दा रहा, जबकि सभी संगठन चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को हटाए जाने
का श्रेय लेने की कोशिश कर रहे थे. चुनाव को शांतिपूर्ण पूरा कराने के लिए दिल्ली पुलिस के जवानों को कॉलेजों में तैनात
किया गया था.