दिल्ली के कंझावला केस में ठीक एक साल पहले जान गंवाने वाली 20 वर्षीय अंजलि की मां रेखा ने उस घटनाक्रम को याद किया है. उन्होंने एक बयान में कहा, 'हम अंजलि के घर लौटने का इंतजार कर रहे थे, ताकि हम बंगला साहिब गुरुद्वारे में अरदास करके नए साल की शुरुआत कर सकें.' मां का कहना था कि जब पुलिस का फोन आया तब किसी को भरोसा नहीं हुआ. बाद में टीवी ऑन किया तब घटना के बारे में पता चला.
बता दें कि नए साल की पूर्व संध्या पर दिल्ली के कंझावला में एक बड़ी घटना सामने आई थी. इस मामले में अंजलि सिंह को कार सवार युवकों ने सड़क पर काफी दूर तक घसीटा था, जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गई थी. बाद में उसकी जान चली गई थी. कार सवार युवक न्यू ईयर की पार्टी मनाने निकले थे. जबकि अंजलि अपनी एक सहेली के साथ स्कूटी से जा रही थी. पुलिस का कहना था कि कार ने स्कूटी सवार अंजलि को टक्कर मार दी थी. उसके बाद अंजलि को सुल्तानपुरी से कंझावला तक घसीटा गया गया था. इस घटना में रेखा और उनके परिवार ने घर में एकमात्र कमाने वाली बेटी को खो दिया था.
'आज भी परेशान करती हैं घटना की तस्वीरें'
अंजलि की मां रेखा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से फोन पर बात की है. रेखा उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में रहती हैं. उन्होंने कहा, हमें नहीं पता था कि उस रात हमें बेटी की मौत के बारे में पुलिस से फोन आएगा. मुझे अब भी उसकी मौत की वो तस्वीरें याद हैं, जो मुझे अक्सर परेशान करती हैं और परिवार के हर सदस्य को परेशान करेंगी.
'मुझे भरोसा नहीं हुआ था...'
रेखा ने कहा, पहले तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि मेरी बेटी की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. मैंने सच जानने के लिए तुरंत टीवी को ऑन किया. मुझे याद है कि हमारे सभी रिश्तेदारों के लगातार फोन आ रहे थे. वो यह जानना चाह रहे थे कि वास्तव में क्या हुआ था. मैं बिल्कुल निःशब्द थी. अंजलि, चार संतानों में से एक थी.
'बहन की कमी पूरी नहीं हो सकती'
अंजलि के 12 साल के भाई वरुण ने कहा, हम सब उसे बहुत याद करते हैं. नए साल की शुरुआत में मेरी बहन हमें पूजा स्थल पर ले जाती थी. उनके निधन से एक ऐसा शून्य पैदा हो गया है जिसे कोई नहीं भर सकता.
'अंजलि के शरीर पर आई थीं 40 चोटें'
रेखा ने कहा, अंजलि की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि मौत का कारण सदमा और ज्यादा खून बह जाना था. घटना में अंजलि के सिर, रीढ़, बायीं जांघ और निचले अंगों में चोटें आई थीं, जिसकी कारण उसकी जान चली गई. अंजलि के शरीर पर 40 से ज्यादा चोटें आई थीं. मैं उन लोगों से कहना चाहती हूं जो पार्टी करने जाते हैं और नए साल का जश्न मनाते हैं. ऐसे सभी लोगों को बहुत सावधानी बरतना चाहिए. लोग शराब पीने के बाद गाड़ी चलाना भूल जाते हैं.
'अंजलि की मां बेरोजगार'
रेखा ने बताया कि वर्तमान में वो बेरोजगार हैं. उन्होंने कहा, अंजलि की प्रति माह लगभग 25,000 रुपये सैलरी थी. इसी इनकम से परिवार का खर्च चलता था. वो मेरे परिवार के लिए एक बड़ा सहारा थी. मुझे उम्मीद है कि सरकार नौकरी दिलाने में मदद करेगी.
'मदद का पैसा इलाज में खर्च'
रेखा ने बताया कि अंजलि की मौत के बाद मदद के जरिए हमें जो पैसा मिला था उसका एक हिस्सा मेरे इलाज में खर्च हो गया है. कुछ पैसे तीन बच्चों के नाम पर फिक्स्ड डिपोजिट के रूप में जमा हैं. परिवार ने अंजलि का सामान बदायूं के पास गंगा घाट पर दान कर दिया है. वहां उन्होंने अंतिम संस्कार की क्रियाएं पूरी की हैं.
'मामले में कुल 7 आरोपियों की गिरफ्तारी'
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में सात आरोपियों अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन और मनोज मित्तल को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है. जबकि दीपक खन्ना, अंकुश खन्ना और आशुतोष भारद्वाज को अन्य अपराधों के तहत गिरफ्तार किया है. आरोपियों के खिलाफ 800 पेज की चार्जशीट दायर की गई है. मामले में कुल 117 गवाहों से पूछताछ की गई है.
'तेज म्यूजिक से नहीं सुनाई दी आवाज'
पुलिस के मुताबिक, सभी सात आरोपियों पर आपराधिक साजिश (आईपीसी की धारा 120-बी के तहत), सबूतों को नष्ट करने (धारा 201) और अपराधी को शरण देने (धारा 212) के तहत मामला दर्ज किया गया है. आशुतोष और अमित पर भी मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने शुरू में आरोपी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और लापरवाही से गाड़ी चलाने का मामला दर्ज किया था. घटना के तीन सप्ताह बाद हत्या के आरोप में एफआईआर दर्ज की. कार के अंदर मौजूद लोगों ने दावा किया था कि उन्होंने किसी की चीख नहीं सुनी थी. कार के अंदर तेज म्यूजिक चल रहा था. हालांकि, पुलिस ने हत्या का इरादा पाया और केस में धाराएं जोड़ीं.