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ये कोई नदी नहीं, बल्कि दिल्ली की कॉलोनी की एक सड़क है! ड्रोन Video में देखें बाढ़ जैसा नजारा

बाहरी दिल्ली के बवाना में मुनक नहर का एक हिस्सा टूट गया जिससे पानी बवाना जेजे कॉलोनी में घुस गया. मुनक नहर टूटने से दिल्ली में पानी की किल्लत हो सकती है. क्योंकि, मुनक नहर का पानी हैदरपुर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को सप्लाई होता है.

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जेजे कॉलोनी में पानी भरने के बाद की एक तस्वीर
जेजे कॉलोनी में पानी भरने के बाद की एक तस्वीर

इन दिनों कुछ राज्यों में भीषण बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात हैं, लेकिन राजधानी दिल्ली में एक जगह ऐसी है जहां बिना बारिश के ही बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. बाहरी दिल्ली के जेजे कॉलोनी में बुधवार रात को अचानक से इतना पानी भर गया कि सड़कें नदी और नहर में तब्दील हो गईं. पानी इतना भर गया कि लोग यहां नाव चलाते हुए नजर आए.

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गली-रास्ते, घर हर तरफ पानी ही पानी है. घर तक जाना हो तो इसी तरह डूब-डूब कर जाना होगा. बाहरी दिल्ली के बवाना में अचानक पानी का कब्जा हो गया.  लोग गहरी नींद में सो रहे थे और पानी उनके घरों की ओर बढ़ रहा था.  जब नींद खुली तो लोगों ने खुद को झीलों का शहर में पाया.

घरों में घुसा पानी

यहां की कुछ तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं जिसमें दिख रहा है कि लोग कैसे बाढ़  के बीच सामान लेकर सुरक्षित इलाकों की तरफ जा रहे हैं. सड़क देखकर ऐसा लग रहा है जैसे वह कोई नदी हो. अचानक से पानी आने से लोगों की दिक्कतें बढ़ गईं और पानी घरों के अंदर तक घुस गया है.

दरअसल दिल्ली को हरियाणा से पानी देने वाली बवाना मुनक नहर में देर रात बड़ा हादसा हो गया और जेजे कॉलोनी की तरफ से नहर की दीवार टूट गई. इसके बाद नहर का पानी आस-पास की कॉलोनियों में घुस गया.  जिससे यहां के लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. 

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नहर की दीवार टूटने से हुआ हादसा
दरअसल, रात करीब 2 बजे नहर टूटने की सूचना मिली. जबतक प्रशासन कोई कदम उठाता पानी कॉलोनी में घुस गया. हालांकि, जरूरी कदम उठाते हुए हरियाणा क्षेत्र में ही नहर का पानी रोक दिया गया है और बवाना में जहां नहर टूटी है वहां मरम्मत का काम चल रहा है.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मुनक नहर के बैराज से पानी गुरुवार सुबह उत्तर-पश्चिम दिल्ली में कॉलोनी के जे, के और एल ब्लॉक में घुस गया, जिससे स्थानीय लोगों के लिए मुसीबतें बढ़ गईं. अधिकारी ने बताया, 'हमने नहर के ओवरफ्लो होने के बाद आधी रात को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), बाढ़ नियंत्रण विभाग, लोक कल्याण विभाग और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सहित सभी संबंधित विभागों को सूचित किया.'

अधिकारियों ने बताया कि सोनीपत से पानी की रफ्तार कम हो गई है और अधिकारियों ने हरियाणा से प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए नहर के गेट बंद करने का अनुरोध किया है. यह नहर हरियाणा के करनाल जिले के मुनक में यमुना नदी से निकलती है. दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने एक्स पर एक पोस्ट में इस घटना के बारे में लिखा, "आज सुबह मुनक नहर की एक यूनिट में दरार आ गई. दिल्ली जल बोर्ड, मुनक नहर की देखभाल करने वाले हरियाणा सिंचाई विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा है.'

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दिल्ली में हो सकता है जल संकट
मुनक नहर का पानी रोके जाने की वजह से हैदरपुर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को पानी नहीं मिल सकेगा. जिस वजह से दिल्ली के कई इलाके पानी की किल्लत का सामना करने को मजबूर होंगे. हालांकि, मरम्मत के काम में कम से कम 24 घंटे का समय लगेगा जिसके बाद ही हरियाणा की तरफ से पानी छोड़े जाने की संभावना है. वहीं दूसरी तरफ नहर के पानी से जलमग्न हुई बवाना जेजे कॉलोनी के लिए परेशान हैं.

मुनक नहर दिल्ली में पेयजल का मुख्य स्रोत है। बीते दिनों जब दिल्ली में पीने के  पानी की समस्या हुई थी, तब इसी नहर से टैंकर माफिया पानी चोरी करते पकड़े गए थे.र आजतक के खबर दिखाये जाने के बाद चोरी रोकने के लिए पांच थानों की पुलिस तैनात करनी पड़ी थी.

दिल्ली पर बाढ़ का खतरा
आपको बता दें कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश की वजह से दिल्ली में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. राजधानी दिल्ली के कैचमेंट एरिया होने के नाते बारिश और पहाड़ों से आ रहे पानी की वजह से यमुना का जलस्तर बढ़ने की संभावना है. इसलिए उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश को लेकर एक्सपर्ट्स ने दिल्ली में बाढ़ का खतरा बताया है. 

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पिछले साल 13 जुलाई को यमुना का जल स्तर रिकार्ड 207.49 मीटर तक पहुंच गया था. जुलाई 2023 से मानसून के दौरान यमुना में ऐसी बाढ़ आई कि उसने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए 13 जुलाई 2023 को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यमुना का जलस्तर 207.5 मीटर था.

बाढ़ की स्थिति के लिए तैयार दिल्ली सरकार
बैठक में फैसला लिया गया कि दिल्ली में बाढ़ की स्थिति बनते ही सारी एजेंसियों को सक्रिय कर दिया जाएगा. राजस्व मंत्री आतिशी ने बताया कि 24 घंटे निगरानी के लिए पूर्वी दिल्ली के डीएम ऑफिस में बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाया गया है, जहां सभी विभागों के अधिकारी हमेशा तैनात रहते हैं. अगर हथिनीकुंड से 1 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जाता है, तभी बाढ़ की स्थिति बनेगी और बाढ़ की स्थिति बनती भी है तो दिल्ली सरकार पूरी तरह तैयार है.
 

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