बाढ़ की आशंका से सहमे दिल्लीवासियों के लिए राहत की बात यह है कि यमुना का पानी धीरे-धीरे घट रहा है. अब जलस्तर 204.56 मीटर पर पहुंच गया है.
इसके साथ ही यमुना खतरे के निशान (204.83 मीटर) से नीचे पहुंच गई है. कई इलाकों में हालात अभी भी खराब हैं, जहां पानी भरा हुआ है और बिजली कटी हुई है. इनमें जैतपुर, आईएसबीटी, चंदगीराम अखाड़ा, तिब्बती कॉलोनी जैसी जगहें शामिल हैं.
दिल्ली सरकार ने 10 हजार बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 1,153 टेंट लगाए हैं. सैकड़ों लोग अभी भी राहत शिविरों में रह रहे हैं. शिविरों में लोगों को भारी परेशानी हो रही है. यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन की तरफ जाने वाली सड़क पर कई फुट पानी जमा हो गया और पार्किंग में कारें फंसी गई. सड़कों पर भी दरारें हैं. पानी जमा होने से बीमारियों का भी खतरा है. डेंगू भी वार कर सकता है. हालांकि सरकार ने कहा है कि हालात अब नियंत्रण में है.
मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि सरकार ने बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत मुहैया कराने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन का पूरा ध्यान अब इस बात पर है कि पानी और वायरस से होने वाली बीमारियों को फैलने से रोका जाए.
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सभी संबंधित विभागों व एजेंसियों के साथ बचाव अभियान की निगरानी कर रहा है. प्रभावित लोगों की मदद के लिए मोबाइल मेडिकल टीमें और पानी के टैंकर लगाए गए हैं.