दिल्ली कहने को तो देश की राजधानी है. लेकिन थोड़ी देर की बारिश से सड़कें नदियों में तब्दील हो जाती है. बारिश की वजह से अधिकतर इलाके जलभराव की समस्या आम है और फिर ट्रैफिक जाम से लोग परेशान हैं.
दबी जुबान नाकामी की बात कर रहे हैं अधिकारी
दरअसल दिल्ली सरकार ने जलभराव की समस्या को सुलझाने के लिए एक कमेटी का गठन किया था. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार के ही कई अधिकारियों ने इस समस्या से निजात मिलने की संभावना से इंकार किया है. इस समस्या से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि राजधानी का सिवर सिस्टम बहुत पुराना है और उसे दुरुस्त किए बिना जलभराव से निजात नहीं संभव नहीं है.
सिस्टम में गड़बड़ी
साउथ और वेस्ट दिल्ली के इलाकों में पानी निकासी के हिसाब से मोटे पाइप नहीं डाले गए हैं, जिस कारण पंपों से पानी निकालने के कारण वह आगे नहीं बढ़ पा रहा है. कई नालों में कनेक्टिविटी की समस्या है. हाल यह है कि कहीं-कहीं तो बड़े नाले आगे जाकर संकरे नालों में मिल रहे हैं. इसके चलते पंप सही से काम नहीं कर पा रहे हैं. वैसे तो जलभराव से निपटने के लिए संबंधित विभाग काफी कोशिशें कर रहा है, नाले खोले जा रहे हैं और पंपों से पानी निकाला जा रहा है. लेकिन ये स्थायी समाधान नहीं है.
समस्या ये भी है कि पंपों के जरिए पानी निकाल भी लिया जाता है तो उसे कहां फेंके. 'आज तक' के कैमरे में इसकी पोल खुलती नजर आ रही है जहां तैयारी के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है. मौसम विभाग ने साफ कहा है कि अगले 48 घंटे में दिल्ली में जोरदार बारिश की संभावना है. लेकिन जलभराव से निपटने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. वहीं एमसीडी और दिल्ली सरकार के बीच इस मसले को लेकर राजनीति भी जारी है.