यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ गया है. इस कारण दिल्ली के कई इलाकों में पानी की किल्लत जारी है. दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के मुताबिक दिल्ली के वजीराबाद, चंद्रावल, बवाना, नांगलोई, द्वारका और हैदरपुर के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (WTP) में काम प्रभावित हुआ है. हालात में सुधार होने तक पानी की किल्लत जारी रहेगी.
दिल्ली जल बोर्ड ने कहा कि दक्षिण दिल्ली, मध्य दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, उत्तर पश्चिम दिल्ली और दक्षिण पश्चिम दिल्ली के कई इलाकों में पानी कम दबाव के साथ आएगा. भारतीय मानक ब्यूरो के मुताबिक पीने के पानी में अधिकतम 0.5 PPM तक अमोनिया स्वीकार्य किया जा सकता है. दिल्ली जल बोर्ड वर्तमान में 0.9 PPM वाले पानी को ट्रीट करने की क्षमता रखता है.
चार साल पहले भी दिल्ली के पानी में अमोनिया ज्यादा पाए जाने पर काफी बवाल मचा था. फरवरी 2018 में दिल्ली जल बोर्ड की याचिका पर एनजीटी ने दिल्ली और हरियाणा सरकार को पानी में प्रदूषण के कारणों का पता लगाने के निर्देश दिए थे. दोनों ही सरकारें प्रदूषण और अमोनिया के पानी में बढ़े स्तर के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहीं थीं.
तब सुनवाई में बताया गया था कि वजीराबाद का ट्रीटमेंट प्लांट ठीक से काम नहीं कर पा रहा, जिसके चलते अमोनिया का स्तर वहां बहुत ज्यादा मिला. वहीं, हरियाणा सरकार के वकील ने सुनवाई के दौरान बताया था कि एनजीटी के आदेश पर 16 फरवरी को दिल्ली और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी की मीटिंग बुलाई गई थी. इसमें दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी हिस्सा नहीं ले सके थे.
इससे पहले सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड ने एनजीटी में जो अपनी रिपोर्ट दी थी, उसमें पानी में अमोनिया का स्तर यमुना में 38.0mg तक पाया गया था. जबकि पोर्टेबल पानी में अमोनिया 0.8mg से ऊपर नहीं होना चाहिए.
सितंबर 2019 में यमुना नदी में पानीपत से इंडस्ट्रियल वेस्ट बहाए जाने की वजह से भी पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ गया था. दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन दिनेश मोहनिया ने आजतक से बात करते हुए कहा थआ कि रात दो बजे ट्रीटमेंट प्लांट में पानी का प्रोडक्शन जीरो हो गया था.