दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को ऑड-इवन फॉर्मूले को लेकर हुई रिव्यू मीटिंग के बाद इसके प्रमुख फैसलों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि 15 दिनों के ट्रायल के दौरान राजधानी में प्रदूषण का स्तर नीचे आया है. हालांकि उन्होंने यह माना कि कुछ दिनों में प्रदूषण का स्तर ज्यादा था लेकिन आंकड़ों पर गौर करें को ओवर ऑल प्रदूषण स्तर कम था.
उन्होंने बताया कि मीटिंग में दिल्ली मेट्रो, ट्रैफिक पुलिस, सीएसई, डीआईएमटीएस समेत इस फॉर्मूले से जुड़े अन्य अधिकारी भी मौजूद थे. इस दौरान दिल्ली सरकार ने फॉर्मूले को लेकर दो सुझाव दिए.
दिल्ली सरकार के दो अहम सुझाव
दिल्ली सरकार की ओर से पहला सुझाव यह था कि स्कूल खुलने पर बच्चों के माता-पिता उन्हें छोड़ने और रिसीव करने जाते हैं, ऐसे में अगर इस व्यवस्था को बदल दिया जाए तो प्रदूषण कम होगा, हालांकि यह भी कहा कि इसे लागू करना आसान नहीं है. इस पर अभी और विचार किया जाएगा और विकल्प तलाशे जाएंगे.
दूसरे विकल्प पर चर्चा करते हुए गोपाल राय ने बताया कि ऑड-इवन फॉर्मूला लागू होने पर सेकंड हैंड वाहनों की बिक्री में तेजी आएगी. जैसा कि मैक्सिको जैसे कुछ देशों में भी देखा गया है. ऐसे में इस समस्या से स्थायी तौर पर निपटने के लिए एक्सपर्ट की सलाह ली जा रही. सभी विकल्पों पर विचार के बाद ही सरकार दोबारा फॉर्मूला लागू करने का फैसला लेगी.
दोपहिया वाहनों पर भी लागू होगा फॉर्मूला?
परिवहन मंत्री ने कहा, 'हम दोपहिया वाहनों को अभी ऑड-इवन फॉर्मूले में शामिल नहीं कर सकते. जब तक और बसों का इंतजाम नहीं हो जाता.' उन्होंने कहा कि दोपहिया वाहनों पर भी फॉर्मूला लागू करने से पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ाना होगा.
'केंद्र सरकार देती है CNG सर्टिफिकेट'
रविवार को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में सीएम अरविंद केजरीवाल पर स्याही फेंके जाने की घटना पर उन्होंने कहा कि वाहनों को सीएनजी सर्टिफिकेट केंद्र सरकार के अंतर्गत पेट्रोलियम विभाग देता है. दिल्ली सरकार सिर्फ रजिस्ट्रेशन और नंबर प्लेट के आधार पर स्टिकर जारी कर रही है. उन्होंने कहा, 'सर्टिफिकेट 9 सितंबर को जारी किया गया है, जब दिल्ली सरकार ऑड-इवन फॉर्मूला के बारे में सोच भी नहीं रही थी.' फर्जी सर्टिफिकेट दिए जाने को लेकर गोपाल राय केंद्र सरकार को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग करेंगे.