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दिल्ली विधानसभा में सिसोदिया ने कहा- हम मोदी या 'गोदी' सरकार नहीं

दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र में हाइकोर्ट के ऑर्डर के बाद दिल्ली का बॉस कौन के मुद्दे पर सोमवार को दिन भर चर्चा चली.  इस बीच उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र और बीजेपी शासित राज्यों पर निशाना साधने में कमी नहीं रखी.

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मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया

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दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र में हाइकोर्ट के ऑर्डर के बाद दिल्ली का बॉस कौन के मुद्दे पर सोमवार को दिन भर चर्चा चली. कोर्ट का आर्डर था इसलिए सीधे-सीधे तो विरोध नहीं दिखा, पर इसकी टीस आम आदमी पार्टी के विधायकों में खूब नजर आई. इस बीच उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र और बीजेपी शासित राज्यों पर निशाना साधने में कमी नहीं रखी.

शिवराज चौहान के बाढ़ सर्वे पर तंज
सिसोदिया ने मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज की उस फोटो पर भी चुटकी ली, जिसमें वो पानी से बचने के लिए पुलिसवालों की गोद में सवार थे. उन्होंने कहा कि एक मोदी सरकार है और एक गोदी सरकार है. हवाई सर्वे तो सुना था लेकिन गोदी सर्वे पहली बार देखा. उन्होंने तंज करते हुए हम जनता के बीच बैठते हैं और काम करते हैं. उन्होंने कहा कि हम विधानसभा में बैठकर भी उनके लिए ही काम करते हैं.

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मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर केंद्र सरकार पर खूब निशाना साधा. उन्होंने कहा -

# चुनाव के समय पूर्ण राज्य का समर्थन करते हैं, जब हार जाते हैं तो पलट जाते हैं.

# यह चर्चा हाई कोर्ट के ऑर्डर पर नहीं है, उसके संदर्भ में है.

# हम हाई कोर्ट के ऑर्डर से भले ही असहमत हो, लेकिन हम उसे मानते हैं. उसका सम्मान करते हैं.

# केंद्र सरकार दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की फिराक में है. जैसा अरुणाचल और उत्तराखंड में किया, वैसा ही दिल्ली में करने की कोशिश कर रहे हैं.

# दिल्ली विधानसभा की कार्यशैली 2 हिस्सों में है. एक 1993 से 2015 तक और दूसरी 14 फरवरी 2015 के सरकार बनने के बाद.

# बीजेपी का बस चले तो 14 फरवरी को कैलेंडर से हटा दें.

# देश में एक मानसिकता चल रही है कि पंचायतों को मजबूत नहीं होने देना है.

# नगर निगम और नगर पालिकाओं को गुलाम बना कर रखा हुआ है.

# अगर जनता को दुखी करोगे तो वह कच्चा चबा जाएंगे.

# ऐसे लोग है जिनको लोकतंत्र में यकीन ही नहीं है. बात लोकतंत्र की करेंगे, लेकिन जुमला देते हैं.

# हमने जब चुनाव लड़ने का फैसला किया तब मालूम था कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है.

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# 3 विषयों को छोड़ कर सब तो हमारे पास है. हम उसके लिए लड़ेंगे.

# हम जनता के वोट के लिए लड़ रहे हैं. यूपी, हरियाणा के वोट के मुकाबले दिल्ली वालों के वोट की कीमत कम कैसे हो सकती है?

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