हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने और यमुनानगर कैचमेंट एरिया में हो रही लगातार बारिश से दिल्ली में यमुना नदी उफान पर है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पर बाढ़ का खतरा गहराता जा रहा है. यमुना का जल स्तर शनिवार की शाम 203.27 मीटर से बढ़कर रविवार की सुबह 203.50 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान से कुछ ही कम था.
इन सबके बीच प्रशासन ने अब खतरे का निशान ही बदल दिया. नए आदेश के मुताबिक खतरे का निशान अब 204.83 मीटर की बजाय 205.33 मीटर होगा. बीते कई सालों से 204.83 मीटर ही खतरे का निशान बना हुआ था.
एक विभागीय अधिकारी ने बताया कि पुराने 204.83 मीटर को बदला गया है, क्योंकि जैसे ही नदी इस मानक को छूती थी वैसे ही अलर्ट जारी हो जाता था. अधिकारी ने बताया कि रविवार की सुबह 10 बजे हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से 21 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इसके अलावा भी बैराज से लगभग 17 हजार क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है.
बाढ़ से निपटने को प्रशासन तैयार
अधिकारी ने कहा कि हम यमुना के जल स्तर पर करीबी रखे हुए हैं. बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार है. गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व भी हथिनी कुंड बैराज से एक लाख 43 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था.
बैराज से पानी छोड़े जाने और यमुनानगर में लगातार बारिश से यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. यमुनानगर में यमुना का पानी खतरे के निशान को पार कर गया है.
पिछले साल रोकना पड़ा था पुराने पुल पर यातायात
पिछले साल जुलाई में दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया था. यमुना नदी का जलस्तर 205.5 मीटर तक पहुंच गया था, जिससे पुराने पुल पर यातायात रोकना पड़ गया था.