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दिल्ली में बढ़ सकती है गर्मी, मध्य भारत में बारिश की संभावना

दिल्ली और आसपास के इलाकों में ठंड पहले से ही बहुत कम है और अब मौसम विभाग से मिली जानकारी की मानें तो लोगों को गर्मी और सता सकती है. फिलहाल दिल्ली में बारिश या ठंड बढ़ने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं.

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दिल्ली में बदल रहा मौसम का मिजाज
दिल्ली में बदल रहा मौसम का मिजाज

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दिल्ली और आसपास के इलाकों में मौसम ने एक बार फिर से करवट ली है. लेकिन इस बार ये बदलाव खुशी देने वाला नहीं है. सीधी बात करें तो ठंड बढ़ने या बारिश होने की नहीं बल्कि तापमान के और बढ़ने की संभावना है.

राजधानी के आसमान पर बादलों की आवाजाही सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है. हरियाणा, पंजाब के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के आसमान पर बादलों की आवाजाही बनी हुई है. बादलों की आवाजाही के पीछे एक कमजोर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस बताया जा रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक बादलों की आवाजाही की वजह से रात में तापमान ऊपर ही बना रहेगा.

उत्तर भारत में नहीं बढ़ेगी सर्दी
मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली के पास हरियाणा के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है, जिस वजह से बादलों की ऊंचाई कम रह रही है. ऊंचाई इतनी कम है कि इसकी वजह से जमीन पर भी विजिबिलिटी कम हो गई है. इन स्थितियों के चलते मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में मॉडरेट फॉग की संभावना भी जताई है. ऐसा अनुमान है कि मौजूदा वेदर डिसप्ले(डब्ल्यूडी) जल्द ही आगे निकल जाएगा. उसके बाद 15 तारीख को एक दूसरा कमजोर डब्ल्यूडी जम्मू-कश्मीर के ऊपरी इलाकों में अपना असर दिखाएगा. लेकिन इसकी वजह से दिल्ली समेत तमाम मैदानी इलाकों में किसी भी तरह की बारिश की संभावना नहीं है. इस वजह से उत्तर भारत में किसी भी तरह से सर्दी बढ़ने की संभावना नजर नहीं आ रही है.

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मध्य भारत की बारिश की संभावना
मौसम विभाग का कहना है कि मध्य भारत के ऊपर बंगाल की खाड़ी से आ रही नम हवाएं और पश्चिम की दिशा से आ रही हवाएं आपस में टकराने जा रही हैं. इसकी वजह से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, उड़ीसा और विदर्भ में 15 तारीख से गरज के साथ बारिश होने की पूरी संभावना है. बारिश से इस इलाके में किसानों को निश्चित तौर पर फायदा मिलेगा.

कुछ हिस्सों में मिलेगी राहत
इस बार उत्तर-पश्चिम भारत के साथ-साथ मध्य भारत के तमाम इलाकों में सर्दी के मौसम में भी तापमान 4 से लेकर 8 डिग्री सेल्सियस ऊपर रहे हैं. इसी के साथ देश के बड़े हिस्से में जाड़ों के दौरान होने वाली बारिश बहुत ही कम रही है. ऐसे में मध्य भारत में बारिश की संभावना निश्चित तौर पर राहत पहुंचाने वाली होगी.

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