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जानिए, बढ़े हुए पार्किंग शुल्क और ऑड-इवन पर क्या सोचती है दिल्ली की जनता

अपनी बीमार मां को एम्स में चेकअप करवाने के लिए लेकर आए नोएडा के वरुण नाराज दिखे. गुस्से में उन्होंने कहा कि क्या हो गया है दिल्ली सरकार को? पिछले साल इस मौसम में बढ़ा हुआ प्रदूषण क्या सरकार को नजर नहीं आया?

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दिल्ली में स्मॉग
दिल्ली में स्मॉग

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बढ़ते प्रदूषण से पहले से परेशान दिल्ली-एनसीआर की जनता को अब चार गुना बढ़े पार्किंग शुल्क और दिल्ली सरकार की तरफ से प्रस्तावित ऑड-इवन फॉर्मूले का खौफ सता रहा है. वीकेंड पर बाजारों के बाहर बढ़े हुए पार्किंग शुल्क को लेकर हुई गर्मा-गर्मी के बाद अब लोगों ने प्राइवेट गाड़ियां निकालना कम तो कर दिया है पर लोगों मे अचानक लिए इस फैसले से खासी नाराजगी है.

अपनी बीमार मां को एम्स में चेकअप करवाने के लिए लेकर आए नोएडा के वरुण नाराज दिखे. गुस्से में उन्होंने कहा कि क्या हो गया है दिल्ली सरकार को? पिछले साल इस मौसम में बढ़ा हुआ प्रदूषण क्या सरकार को नजर नहीं आया? इस बार उन्होंने सीख लेते हुए कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया. क्यों इंतजार किया हालातों के बिगड़ने का? अब चाहे पार्किंग रेट्स बढ़ाओ या ऑड-इवन लाओ जो नुकसान होने था वो तो हो चुका है.

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वरुण ने बताया कि बढ़े हुए प्रदूषण के चलते उसकी मां की तबीयत खराब हो गई है और वो चेकअप के लिए उन्हें नोएडा से दिल्ली अपनी कार में लाए. वरुण को कई जगह बढ़ा हुआ पार्किंग शुल्क देना पड़ा.

आखिर आम  जनता पर ही भार क्यों

पहले महंगाई की मार, फिर दूषित हवा के चलते स्वास्थ का नुकसान और अब चार गुना बढ़ा पार्किंग शुल्क और दूसरी तरफ ऑड-इवन फॉर्मूले का पेंच. दिल्ली की जनता सवाल उठा रही है कि आखिर कुछ भी हो हर तरफ से उन्हीं को क्यों सहना पड़ता है? प्राइवेट कंपनी में मार्केटिंग में काम करने वाले अशोक का कहना है कि मुझे अपने काम के सिलसिले में जगह-जगह जाना पड़ता है, जिसके चलते अपनी कार मुझे कई बार बाजारों या दफ्तरों के सामने पार्क करनी पड़ती है. आप यकीन नही करेंगे कि मैंने एक महीने में इतना पार्किंग शुल्क नहीं दिया होगा जितना पिछले चार दिनों से दे रहा हूं, ये तो हद ही हो गई है, पूरा बजट बिगड़ गया.

हालात ये हैं कि मजबूरी में निकली प्राइवेट गाड़ियां बाजारों या दफ्तरों पर सरकारी पार्किंग के बजाए सड़कों पर पार्क हो रही हैं. रोज मालवीय नगर से कनॉट प्लेस स्थित अपने ऑफिस जाती अदिति भी परेशान हैं. उन्होंने कहा इस बार अगर महिलाओं को ऑड-इवन में छूट नहीं मिलेगी तो मुझे पब्लिक ट्रांसपोर्ट या मेट्रो से ऑफिस जाना पड़ेगा. सरकार को ऐसे कदम उठाने से पहले अपना ट्रांसपोर्ट सिस्टम दुरुस्त करना चाहिए था, अगर मैं मेट्रो से भी जाती हूं तो मुझे महंगा पड़ेगा, क्या होगा पता नहीं.

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देश की राजधानी में मची इस अफरा तफरी को रोका जा सकता था अगर सरकार ने पिछले साल से सबक लेते हुए इस साल स्मॉग से पहले ही ठोस कदम उठाए होते, जनता अपने हर तरफ से मार खाने की बात पर मायूस है और ज्यादातर लोगों का कहना है दिल्ली में रहना मुश्किल होता जा रहा है.

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