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दिल्ली में बड़े भूकंप का खतरा, जानिए क्यों लगता है बार-बार झटका?

दिल्ली में बीते कुछ महीनों में कई बार भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. दिल्ली को भूकंपीय क्षेत्र के जोन 4 में रखा गया है. इसके चलते दिल्ली में हमेशा ही तेज भूकंप आने की आशंका बनी रहती है. रिपोर्ट के मुताबिक, यदि दिल्ली में 6 रिक्टर से ज्यादा का भूकंप आता है तो बड़ा नुकसान हो सकता है.

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दिल्ली-एनसीआर में आया 5.8 रिक्टर का भूकंप.
दिल्ली-एनसीआर में आया 5.8 रिक्टर का भूकंप.

शनिवार रात 9 बजकर 34 मिनट पर दिल्ली-एनसीआर में भकूंप के तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता 5.8 रिक्टर की रही. इसका केंद्र अफगानिस्तान का हिंदुकुश था. इसके पास में होने के कारण जम्मू-कश्मीर में भी झटका फील किया गया. भूकंप के कारण धरती बहुत तेज हिली और लोग अपने घर, दफ्तर से बाहर की ओर भागे. गनीमत यह रही कि किसी तरह की जान-माल की हानी नहीं हुई है. मगर, लोग पैनिक जरूर हो गए. 

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इससे पहले मार्च महीने में तीन बार तेज भूकंप दिल्ली-एनसीआर सहित आस-पास के राज्यों में महसूस किया गया था. उस वक्त भी भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में रहा था, लेकिन दिल्ली-एनसीआर में भी धरती तेज हिली थी. पाकिस्तान के इस्लामाबाद, लाहौर और पेशावर में भी तेज झट/के महसूस किए गए थे. तब भी भूकंप की तीव्रता 5 रिक्टर से ज्यादा की थी. जानिए क्या कारण है कि दिल्ली में बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं. क्या है इसके पीछे का कारण.

दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके (फाइल फोटो)

दिल्ली में बड़े भूकंप का खतरा, यह है कारण ?

बीते कुछ महीनों में दिल्ल-एनसीआर की धरती दिल्ली के भूकंप के तेज झटकों से कई बार हिल चुकी है. इसके चलते लोगों में डर लगा रहता है कि दिल्ली में कहीं बड़ा भूकंप नहीं आ जाए. इसका अंदेशा लंबे समय से लगाया जा रहा है. भूकंप को लेकर एक्सपर्ट का मानना है कि राजधानी में बड़ी तीव्रता का भूकंप आ सकता है, क्योंंकि दिल्ली भूकंपीय क्षेत्रों के जोन 4 में स्थित है.

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जानकारों के मुताबिक, देश को इस तरह के चार जोन में बांटा गया है. जोन-4 में होने की वजह से दिल्ली भूकंप का एक भी भारी झटका बर्दाश्त नहीं कर सकती. दिल्ली हिमालय के निकट है जो भारत और यूरेशिया जैसी टेक्टॉनिक प्लेटों के मिलने से बना था. धरती के भीतर की इन प्लेटों में होने वाली हलचल की वजह से दिल्ली, कानपुर और लखनऊ जैसे इलाकों में भूकंप का खतरा सबसे ज्यादा है.

राजधानी के करीब तीन फॉल्ट लाइन

बताया गया है कि दिल्ली के पास सोहना, मथुरा और दिल्ली-मुरादाबाद तीन फॉल्ट लाइन मौजूद हैं, जिसके चलते भूकंप की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. दिल्ली रिज क्षेत्रकम खतरे वाला क्षेत्र है. वहीं मध्यम खतरे वाले क्षेत्र हैं दक्षिण पश्चिम, उत्तर पश्चिम और पश्चिमी इलाका. सबसे ज्यादा खतरे वाले क्षेत्र हैं उत्तर, उत्तर पूर्व, पूर्वी क्षेत्र.

6 रिक्टर स्केल का भूकंप से हो सकता है बड़ा नुकसान

भूकंप को लेकर भू-विज्ञान मंत्रालय ने एक रिपोर्ट में कहा था कि दिल्ली में अगर रिक्टर स्केल पर छह से अधिक तीव्रता का भूकंप आता है तो बड़े पैमाने पर जानमाल की हानि होगी. दिल्ली में आधे से अधिक इमारतें इस तरह के झटके को नहीं झेल पांएगी वहीं घनी आबादी की वजह से बड़ी संख्या में जनहानि हो सकती है. दुर्भाग्य की बात है कि भूकंप के खतरों को देखते हुए भी राजधानी ने सबक नहीं लिया. यहां ना तो उससे बचने के उपाय किए गए और ना ही इमारतों के निर्माण में सावधानी बरती गई है.

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