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संजय सिंह की गिरफ्तारी के पीछे की क्या है वजह? ऐसे ED के रडार पर आए AAP नेता

मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद संजय सिंह ही आम आदमी पार्टी में अरविंद केजरीवाल के बाद दूसरे सबसे बड़े नेता थे. संजय सिंह आम आदमी पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी के सदस्य होने के साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं.

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AAP नेता संजय सिंह को ED ने 10 घंटे की पूछताछ के बाद अरेस्ट कर लिया (फाइल फोटो)
AAP नेता संजय सिंह को ED ने 10 घंटे की पूछताछ के बाद अरेस्ट कर लिया (फाइल फोटो)

आम आदमी पार्टी के सांसद और अरविंद केजरीवाल के राइट हैंड कहे जाने वाले संजय सिंह को ईडी ने शराब घोटाले के आरोप में 10 घंटे तक चली छापेमारी के बाद गिरफ्तार कर लिया. संजय सिंह की गिरफ्तारी के तीन घंटे बाद अरविंद केजरीवाल उनके घर पहुंचे. इसके बाद कहा कि संजय सिंह शेर है. वहीं, बीजेपी ने केजरीवाल का इस्तीफा मांगना शुरू कर दिया. वहीं, गिरफ्तारी के बाद संजय सिंह ने एक वीडियो जारी किया. इसमें उन्होंने कहा कि मरना मंजूर है, डरना नहीं. 

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संजय सिंह किसी भी घोटाले के आरोप में गिरफ्तार हुए AAP के पहले नेता नहीं हैं. सबसे पहले मई 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग केस में सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी हुई थी. इसके बाद फरवरी 2023 में मनीष सिसोदिया को शराब घोटाले में पहले सीबीआई और अब 4 अक्टूबर 2023 को संजय सिंह को शराब घोटाले में ईडी ने गिरफ्तार किया है. संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी ने प्रदर्शन किया है. कार्यकर्ताओं ने ऐलान किया कि वह गुरुवार सुबह 11 बजे बीजेपी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करेंगे. 

गिरफ्तारी के बाद क्या बोलीं पत्नी और मां?

संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद उनकी मां ने कहा कि मेरा बेटा निर्दोष है. वह सच के लिए लड़ता रहा है. उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है. मैं उम्मीद करती हूं कि वह जल्द ही मेरे पास आ जाए. ईडी के एक्शन के बाद संजय सिंह की पत्नी ने कहा कि ईडी ने पूछताछ कर घर, कंप्यूटर और दस्तावेजों की तलाशी ली, लेकिन कुछ नहीं मिला. ईडी अधिकारियों पर उन्हें (संजय सिंह को) गिरफ्तार करने का दबाव था और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इस गिरफ्तारी का ईडी ने हमें कोई कारण नहीं बताया है. उन्हें फर्जी मामले में अरेस्ट किया गया है. हम सभी उसके साथ हैं. 

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आखिर क्यों हुई संजय सिंह की गिरफ्तारी?

- ईडी की चार्जशीट के मुताबिक दिल्ली शराब घोटाले में एक आरोपी है दिनेश अरोड़ा, जो बाद में सरकारी गवाह बना.

- आरोपी दिनेश अरोड़ा के बयान के मुताबिक आरोप है कि संजय सिंह के कहने पर उसने दिल्ली के चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी के लिए फंड रेजिंग प्रोग्राम यानी चंदा जुटाने वाला एक कार्यक्रम आयोजित किया था.

- ईडी के मुताबिक आरोपी दिनेश अरोड़ा ने संजय सिंह के कहने पर पार्टी के लिए 32 लाख का चंदा इकट्ठा किया, जिसका चेक मनीष सिसोदियो को सौंपा.

- ईडी का आरोप है कि दिनेश अरोड़ा का शराब से जुड़ा एक विवाद भी संजय सिंह ने मनीष सिसोदिया के जरिए सुलझाया था.

- ईडी के मुताबिक आरोप है कि दिनेश अरोड़ा ने संजय सिंह के जरिए ही अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया से मुलाकात की.

- ईडी का आरोप है कि जब आरोपी से सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की, तब संजय सिंह मौजूद थे.

अरविंद केजरीवाल के सामने खड़ी हुई चुनौती

संजय सिंह के करीबियों के घर जब कुछ दिनों पहले छापेमारी हुई थी, तो उन्होंने ED और सरकार को चुनौती दी थी. संजय सिंह ने कहा था कि अगर हिम्मत है,  तो उन्हें गिरफ्तार करके दिखाएं. आज उनकी गिरफ्तारी ने अरविंद केजरीवाल के सामने कई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं, क्योंकि चाहे आम आदमी पार्टी का विस्तार हो या फिर विपक्ष के साथ तालमेल. संजय सिंह सारी जिम्मेदारी अकेले निभा रहे थे. उत्तर प्रदेश से आने वाले संजय सिंह अरविंद केजरीवाल के सबसे पुराने और भरोसेमंद सिपहसालार हैं. जो उनके साथ अन्ना हजारे के आंदोलन से लेकर आम आदमी पार्टी बनाए जाने तक साथ में डट कर खड़े रहे.इसलिए संजय सिंह की गिरफ्तारी को दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है.

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AAP की ओर से सरकार को घेरने में सबसे आगे


प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ हमला बोलने वाले आम आदमी पार्टी के नेताओं में संजय सिंह को सबसे आगे देखा गया, जो 3 कृषि कानूनों से लेकर मणिपुर मामले तक हर बड़े मुद्दे पर संसद में सरकार को घेरते रहे. चाहे ममता बनर्जी हों या फिर उद्धव ठाकरे अरविंद केजरीवाल के साथ संजय सिंह की मौजूदगी पार्टी में उनके कद को बखूबी समझाने के लिए काफी है. आम आदमी पार्टी ने संजय सिंह को साल 2018 और फिर 2022 में राज्यसभा भेजा. इस दौरान संजय सिंह आम आदमी पार्टी और विपक्षी दलों के बीच अहम कड़ी बनकर उभरे हैं. इसलिए जब उन्हें संसद से निलंबित किया गया तो सोनिया गांधी उन्हें अपना समर्थन देने के लिए आईं थीं.

सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद पार्टी में दूसरे सबसे बड़े नेता

मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद संजय सिंह ही आम आदमी पार्टी में अरविंद केजरीवाल के बाद दूसरे सबसे बड़े नेता थे. संजय सिंह आम आदमी पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी के सदस्य होने के साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं.  इसके अलावा उत्तर प्रदेश-बिहार में पार्टी की कमान उनके पास ही है. चुनावी राज्यों के अलावा पूर्वोत्तर और देश के दूसरे राज्यों में संगठन निर्माण में वो संदीप पाठक के साथ महत्वपूर्ण भूमिका में हैं. विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में आम आदमी पार्टी का चेहरा और तालमेल रखने की जिम्मेदारी भी उनके पास ही है.

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... जब संजय सिंह ने दी थी ED को चुनौती

इसी साल मई में संजय सिंह के करीबियों अजीत त्यागी और सर्वेश मिश्रा के घरों पर ED ने छापेमारी की थी. इसके बाद से ही संजय सिंह का ED की सप्लीमेंट्री प्रॉसिक्यूशन कम्पलेंड में संजय सिंह का नाम आ रहा था, लेकिन चुनावों से पहले उनकी गिरफ्तारी ने आम आदमी पार्टी और केजरीवाल के सामने बड़ी चुनौतियां खड़ी कर दी हैं.

अरविंद केजरीवाल बोले- संजय सिंह शेर

परिवार से मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी एक कट्टर ईमानदार पार्टी है. ईमानदारी का रास्ता कठिन है. बेईमान हो जाएं, तो समस्या ख़त्म हो जाएगी. कट्टर ईमानदार हैं, इसलिए समस्या है. इन लोगों के पास ईमानदारी का काउंटर नहीं है. इन्होंने हमें बदनाम किया. कभी कहते केजरीवाल ने स्कूल, बिजली, पानी, सड़क, घोटाले में पैसे खाए. इन्हें मेरे खिलाफ़ भ्रष्टाचार में कुछ नहीं मिला. शराब घोटाले में 1000 से ज़्यादा रेड हुई. रेड में अबतक चवन्नी नहीं मिली. लेकिन जबरदस्ती गिरफ्तार कर रहे हैं. केजरीवाल ने कहा कि संजय सिंह, नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार के खिलाफ़ बुलंद आवाज़ है. साथ ही आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सबसे भ्रष्टाचारी प्रधानमंत्री हैं. संसद के अंदर और बाहर प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचार के खिलाफ़ संजय सिंह बुलंद आवाज़ बने, संजय सिंह के घर में कुछ नहीं मिला है. केजरीवाल ने कहा कि इंडिया गठबंधन सफल हुआ तो मोदी जी हार रहे हैं. 2024 तक कई लोग गिरफ्तार होंगे. लेकिन संजय सिंह शेर है. प्रधानमंत्री गिरफ्तार करके हमें डरा नहीं पाएंगे.
 

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