पाकिस्तान से आई सीमा हैदर से यूपी एटीएस पूछताछ कर चुकी है. एटीएस ने सीमा, सचिन और सचिन के पिता से घंटों तमाम सवाल किए. भारत में अवैध रूप से घुसपैठ को लेकर इंटेलिजेंस ने भी इनपुट दिया. अब सवाल है कि अगर सीमा को पाकिस्तान की इकरा की तरह वापस भेजा गया तो सीमा के साथ वहां क्या होगा? भारत के अलावा पाकिस्तान से सीमा हैदर के नाम धमकियां आ चुकी हैं. सीमा ने खुद भी कहा है कि अगर मुझे पाकिस्तान भेजा गया तो वहां मेरी हत्या हो सकती है.
सीमा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए कहा था कि मुझे यहां रहने दिया जाए. सीमा हैदर बार-बार यह बोल रही है कि वो अपने प्यार के लिए भारत आई है, उसे जब वीजा नहीं मिला तो ये रास्ता अपनाना पड़ा. बता दें कि सीमा हैदर और नोएडा का रहने वाला सचिन मीणा दोनों पबजी गेम खेलते थे. साल 2019 में गेम खेलते-खेलते दोनों ने नंबर एक्सचेंज किया और बातचीत होने लगी.
ये सिलसिला इस कदर आगे बढ़ा कि दोनों एक-दूसरे को चाहने लगे और साथ रहने का प्लान बना लिया. सीमा और सचिन ने मिलने की तैयारी की. तीन साल तक चली बातचीत के बाद दोनों ने नेपाल में मिले और एक होटल में सात दिन गुजारे. दोनों वहां घूसे. सीमा और सचिन का दावा है कि वहां दोनों ने शादी कर ली.
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इसके बाद सीमा अपने चार बच्चों को लेकर अवैध रूप से नोएडा पहुंच गई. करीब 15 दिन बाद जब यह केस सामने आया तो सनसनी फैल गई. सीमा पर जासूस होने का शक गहरा गया. पुलिस ने सीमा को अरेस्ट कर लिया. इसके बाद उसे कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ रिहा कर दिया. सीमा से जब मीडिया ने बात की तो उसने हर बार यही कहा कि वो सचिन के साथ रहना चाहती है, सचिन से प्यार करती है. अब वो हिंदू हो गई है और उसके बच्चे सचिन को पापा बोलते हैं.
सऊदी में रह रहे गुलाम हैदर ने वीडियो जारी कर की थी अपील
वहीं सऊदी अरब में रह रहा सीमा हैदर के पति गुलाम हैदर ने भी वीडियो जारी कर अपील की कि सीमा और उसके बच्चों को मोदी सरकार वापस पाकिस्तान भिजवा दे, जबकि सीमा ने कहा कि गुलाम हैदर तीन साल पहले सऊदी चला गया था, तब से वापस नहीं आया और उसका गुलाम से तलाक हो चुका है.
भारतीय कानून के अनुसार सीमा हैदर को 'अवैध प्रवासी' माना जाएगा, लेकिन वह धर्म परिवर्तन के बिना विशेष विवाह अधिनियम के तहत सचिन के साथ शादी कर सकती है.
भारत में अवैध प्रवासियों को नहीं मिलती नागरिकता
भारत में सीमा हैदर को 'अवैध प्रवासी' माना जाएगा. अवैध प्रवासी वह विदेशी होता है जो: (i) पासपोर्ट और वीज़ा जैसे वैध यात्रा दस्तावेजों के बिना देश में प्रवेश करता है, या (ii) वैध दस्तावेजों के साथ प्रवेश करता है, लेकिन अनुमत समय अवधि से अधिक समय तक रहता है. अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता नहीं मिलती. ऐसा करना प्रतिबंधित है.
सीमा के खिलाफ क्या कार्रवाई हो सकती है?
विदेशी अधिनियम, 1946 और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 के तहत अवैध प्रवासियों को कैद या निर्वासित किया जा सकता है. 1946 और 1920 अधिनियम केंद्र सरकार को भारत के भीतर विदेशियों के प्रवेश, निकास और निवास को विनियमित करने का अधिकार देते हैं. 2015 और 2016 में, केंद्र सरकार ने अवैध प्रवासियों के कुछ समूहों को 1946 और 1920 अधिनियमों के प्रावधानों से छूट देते हुए दो अधिसूचनाएं जारी कीं.
ये समूह अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई हैं, जो 31 दिसंबर 2014 या उससे पहले भारत में आए थे. इसका अर्थ है कि ये अवैध प्रवासी समूह वैध दस्तावेजों के बिना भारत में होने के कारण न तो निर्वासित होंगे और न ही कैद होंगे. हालांकि, सीमा हैदर इनमें से किसी भी श्रेणी में नहीं आती है.
इन शर्तों पर कोर्ट ने सीमा को दी थी जमानत
पाकिस्तान के डकैतों ने दी थी धमकी
सीमा हैदर और नोएडा के सचिन की लवस्टोरी भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में छाई हुई है. सीमा को लेकर पाकिस्तानी डकैट रानो शार ने धमकी दी थी कि अगर सीमा को वापस पाकिस्तान नहीं भेजा गया तो वो पाकिस्तान में मंदिरों पर हमले करेगा. इस धमकी के बाद पाकिस्तान में रविवार को मंदिर पर हमला हुआ.
डकैत कर चुके हैं राकेट लॉन्चर से मंदिर पर हमला
DAWN की रिपोर्ट के मुताबिक, डकैतों के एक गिरोह ने सिंध के काशमोर में एक मंदिर पर 'रॉकेट लॉन्चर' से अटैक किया. हमलावरों ने गौसपुर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में एक पूजा स्थल और आसपास के समुदाय के घरों पर अटैक किया. हमलावरों ने न सिर्फ मंदिर को निशाना बनाया, बल्कि अंधाधुंध गोलीबारी भी की. इस घटना को बाद काश्मोर-कंधकोट के एसएसपी इरफान सैम्मो के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची थी. बता दें कि सीमा भी पाकिस्तान के सिंध प्रांत की ही रहने वाली है.