सड़क के शोर और ट्रैफिक ने लोगों के होश उड़ा दिए हैं. देश का हर आदमी कहीं न कहीं ट्रैफिक में फंस जाता है और उसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार लोगों की ट्रेन छूट जाती है तो कई बार विमान. इतना ही नहीं, कई बार तो छात्र परीक्षा देने नहीं ही नहीं पहुंच पाते. लेकिन ट्रैफिक का असर सिर्फ आम जनता पर ही नहीं है. कई बार वीआईपी भी इनका शिकार हो जाते हैं. पेश हैं कुछ ऐसी घटनाएं-
1) दिल्ली की सीएम शीला दीक्षित कई बार ट्रैफिक जाम में फंसीं. एक बार शाम को वह एक समारोह में छतरपुर की ओर जा रही थीं, महरौली के आगे उनकी गाड़ी भयंकर ट्रैफिक में फंस गई. वहां बनी अवैध दुकानों के कारण रास्ता तंग था. सीएम के काफिले को काफी देर तक इंतजार करना पड़ा. बाद में शीला दीक्षित ने सख्त कार्रवाई करते हुए वहां के तमाम अतिक्रमण का खात्मा ही करवा दिया, कुछ दिनों तक तो रास्ता ठीक चला, लेकिन वह भी संकरा पड़ गया है. शादियों के मौसम में वहां दिल्ली का सबसे भंयकर जाम लगता है.
2) पूर्व सड़क एवं राजमार्ग मंत्री सीपी जोशी दिल्ली से जयपुर जाते वक्त रास्ते में फंस गए. उन दिनों जयपुर हाईवे पर बड़ा जाम लगता था. वैसे अभी भी उसमें सुधार नहीं है. कई घंटे तक मंत्री महोदय सड़क के किनारे एक ढाबे में बैठे रहे. बाद में उन्होंने उस सड़क के बारे मे कई आदेश दिए.
3) वर्तमान सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पिछले दिनों एक ट्रैफिक जाम में फंस गए. मामला था एनएच 24 का जो दिल्ली से मुरादाबाद की ओर जाती है. इस सड़क के विस्तार की योजना कई सालों से बन रही है.
4) नितिन गडकरी दिल्ली के धौला कुआं के भयंकर जाम में फंस गए और उन्होंने माना कि वहां जाम में 40 से 50 मिनट तक फंसे रहना आम बात है. अब उन्होंने इस जाम के कारणों के अध्ययन के लिए 10 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं.
5) उत्तर प्रदेश के राजनीतिज्ञ अजित सिंह ने पिछले साल सितंबर में मध्य दिल्ली में जबर्दस्त जाम लगवा दिया. उन्हें दिए गए सरकारी बंगले 12 तुगलक़ रोड को अपने पिता का स्मारक बनवाने के लिए उन्होंने किसानों को दिल्ली आने का आह्वान किया. उस कारण से उस दिन उस इलाके में रहने वाले कई मंत्री, सांसद और सरकारी अधिकारी घंटों जाम में फंसे रहे. पुलिस ने बाद में प्रदर्शनकारियों को खदेड़कर जाम हटवाया.