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चुनाव की तैयारी, केजरीवाल का रिक्शा और शीला की बस

अगले लोकसभा चुनाव की तैयारियों का असर मीडिया और सोशल मीडिया पर दिख रहा है तो दिल्ली में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव का जोर दिल्ली के बस स्टॉप और ऑटो रिक्शा पर ज्यादा नजर आ रहा है.

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अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल

राजधानी दिल्ली में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव का जोर यहां के बस स्टॉप और ऑटो रिक्शा पर ज्यादा नजर आ रहा है. दिल्ली का शायद ही कोई ऐसा बस स्टॉप बचा हो, जो मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के गुणगान से अछूता है. यहां शीला दीक्षित, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की मुस्कुराती तस्वीरें भी नजर आ जाती हैं. बस स्टॉप बताते हैं कि दिल्ली मीलों चल चुकी है.

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अब अगर ऑटो रिक्शा की बात की जाए तो यहां एक तरफ शीला दीक्षित की कोई बुरी सी तस्वीर दिखेगी और बगल में दिखाई देंगे तमतमाए अरविंद केजरीवाल. केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने ऑटो रिक्शा के पीछे छोटे-छोटे पोस्टर लगाना अपने प्रचार अभियान का हिस्सा बनाया है. ये पोस्टर सीधे-सीधे शीला दीक्षित को बेईमान करार देते हैं और केजरीवाल को सच्चाई के मसीहा के तौर पर पेश करते हैं. आम आदमी पार्टी एक खास किस्म के गुस्से को भुनाने की कोशिश कर रही है.

लेकिन सवाल यह है कि क्या दिल्ली में वाकई अब रामलीला मैदान वाला गुस्सा बचा है. या लोग फ्लाई ओवर, बिजली सप्लाई और नई बसों की सहूलियत में फिर से अन्ना आंदोलन से पहले के दौर में पहुंच गए हैं. और लाख टके का सवाल यह है कि जब केजरीवाल की पार्टी ही शीला दीक्षित पर सारे हमले कर देगी तो मोदी की लहर पर सवार होकर दिल्ली दर्शन करने का ख्वाब देख रही बीजेपी क्या करेगी?

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