scorecardresearch
 

मेट्रो के सामने कूदी महिला, सही सलामत बची

मेट्रो की हिफाजत हमेशा ही निशाने पर रही है लेकिन इस बार एक महिला ने इस दावे को उस वक्त खोखला कर दिया जब उसका मेट्रो ट्रेन के सामने कूदने वाला वीडियो सामने आया. लेकिन आप देखकर हैरान रह जाएंगे कैसे एक महिला ट्रेन के सामने कूदती तो है लेकिन सही सलामत बच जाती है.

Advertisement
X
जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय
जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय

Advertisement

मेट्रो की हिफाजत हमेशा ही निशाने पर रही है लेकिन इस बार एक महिला ने इस दावे को उस वक्त खोखला कर दिया जब उसका मेट्रो ट्रेन के सामने कूदने वाला वीडियो सामने आया. लेकिन आप देखकर हैरान रह जाएंगे कैसे एक महिला ट्रेन के सामने कूदती तो है लेकिन सही सलामत बच जाती है.

इस 48 सेकंड की वीडियो फुटेज में साफ-साफ नजर आ रहा है कि किस तरह एक महिला खाली पड़े मेट्रो स्टेशन पर बड़ी तसल्ली से मेट्रो के आने का इंतजार कर रही है और जैसे ही ट्रेन करीब आती है, वो महिला अपना बैग प्लेटफॉर्म पर ही छोड़कर सीधे मेट्रो ट्रेन के सामने पटरियों पर कूद जाती है और ट्रेन उसके ऊपर से गुजर जाती है.

ये सब कुछ इतनी तेजी से होता है कि ट्रेन के पायलट को इसके जवाब में हरकत में आने का मौका भी नहीं मिलता है लेकिन जैसे ही ट्रेन गुज़र जाती है, वो महिला पटरी से पूरी तसल्ली से उठती है और बिना खरोंच खड़ी होकर अपनी सही सलामत होने पर शायद आश्‍चर्य जाहिर करती है और फिर उसे एक सुरक्षाकर्मी उसे प्लेटफॉर्म पर वापस खींच लेता है.

Advertisement

इन तस्वीरों के सामने आने के बाद जो सवाल सबसे पहले जेहन में जंग छेड़ते हैं, वो यही हैं कि आखिर ये तस्वीरें किस मेट्रो स्टेशन की है?
ये वाकया कब का है? क्या उस वक्त स्टेशन पर कोई और नहीं था और इन सबसे हटकर जो सवाल जेहन में बगावत करने पर आमादा है वो ये
आखिर मेट्रो ट्रेन के आगे कूदने के बावजूद वो महिला सही सलामत कैसे बच गई?

तो चलिए इस वीडियो से जुड़े सवालों के जवाबों का भी खुलासा किया जाए. ये तस्वीर जहांगीरपुरी से गुड़गांव के बीच चलने वाली मेट्रो ट्रेन के सिविल लाइन मेट्रो स्टेशन की दो नंबर लाइन की हैं. ये वाकया इसी साल 9 जून यानी रविवार की शाम पांच बजे का है, यानी गर्मियों की छुट्टियों के दिनों के बीच साप्ताहिक छुट्टी का भी दिन था. मतलब साफ है कि उस वक्त मेट्रो स्टेशन पर आम तौर पर भीड़ न के बराबर रही होगी और सिविल लाइन स्टेशन पर तो शायद उस वक्त एक-दो ही मुसाफिर रहे हों.


मगर सवाल ये ज्यादा बड़ा है कि आखिर मेट्रो के सामन कूदने के बावजूद महिला बची कैसे, क्योंकि खुद मेट्रो सेवा से जुड़े अफसरों की राय यही है कि ऐसे मामलों में किसी का बचना नामुमकिन है तो फिर वो महिला बची कैसे.

Advertisement

दरअसल प्लेटफॉर्म से पटरी के जिस हिस्से में वो महिला कूदी थी, वहं एक गड्डे की वजह से उतना हिस्सा दूसरे हिस्सों के मुकाबले थोड़ा गहरा ज्यादा था, जिसकी वजह से उस महिला और ट्रेन के बीच का फासला इतना ज्यादा हो गया कि वो मेट्रो ट्रेन की चपेट में आने से बच गई.

Advertisement
Advertisement