अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 14 नवंबर से शुरू होने जा रहा है. इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. इस बार भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का सबसे लोकप्रिय मेला अपनी पूरी तैयारियों के साथ आ रहा हैं, लेकिन प्रगति मैदान में चल रहे रेनोवेशन के काम की वजह से मेले की सूरतसूरती हर बार की तुलना में इस बार अलग नज़र आएगी.
मेले में शामिल हो रहे सभी 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पवेलियन की बजाए हंगेर्स में जगह दी गई है. इसके चलते पवेलियन के मुकाबले हंगेर्स में जगह कम दी गई है, लेकिन आईटीपीओ का दावा है कि डिस्प्ले के हिसाब से हंगेर्स में राज्यों के लिए पर्याप्त जगह है.
आईटीपीओ के जनरल मैनेजर गुना सेकरन ने बताया कि इससे पहले राज्यों को पवेलियन के तौर पर चार से साढ़े चार हजार स्क्वायर फुट की जगह दी जाती थी, जिसे इस बार घटाकर 400 से 600 स्क्वायर फुट प्रति राज्य कर दिया गया है.
सेकरन ने कहा कि इस बार मेले के साथ-साथ कंस्ट्रक्शन का काम भी चलेगा. इसके चलते मेले के साइज में थोड़ा फर्क आएगा, लेकिन उसके बावजूद फूड, सभी राज्यों का डिस्प्ले और विदेशी हंगेर्स बढ़-चढ़कर उसी पैमाने पर शामिल हो रहे हैं. इस बार विदेशी हंगेर्स को पिछली बार के मुकाबले 1900 स्क्वायर फुट से बढ़ाकर 2500 स्क्वायर फुट जगह दी गई है.
आईटीपीओ का दावा है कि मेले की भव्यता में इस बार भी कोई कमी नहीं आएगी और प्रगति मैदान पूरी तरह से अगस्त 2019 में बनकर तैयार हो जाएगा. लेकिन तब तक आईटीपीओ ट्रेड फेयर की लोकप्रियता को ऐसे ही बनाए रखने की हर कोशिश करेगा.