उफान पर बह रही यमुना का पानी घट रहा है. अब ये 206.40 मीटर पर है. हर घंटे दो सेंटीमीटर की दर से पानी घट रहा है लेकिन कई इलाकों में हालात खराब है जहां पानी भरा हुआ है. सैकड़ों लोग अभी भी राहत शिविरों में रह रहे हैं.
दिल्ली के 19 इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं. राजधानी में 27 जगहों पर रेस्क्यू बोट तैनात है. सिर्फ पूर्वी दिल्ली में 22 रेस्क्यू कैंप बनाए गए हैं. कश्मीरी गेट, आईएसबीटी के पास यमुना का पानी रिंग रोड तक आ गया. यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन की तरफ जाने वाली सड़क पर कई फुट पानी जमा है. हालात ऐसे हैं कि पास के ही पातालेश्वर मंदिर में भी चार फीट तक पानी भर गया. मंदिर प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों के लिए खाने का इंतजाम किया. रिंग रोड पर सड़क का एक हिस्सा पूरी तरह पानी में डूब गया है. वाहनों को निकलने में भी दिक्कत हो रही है.
बुधवार रात जलस्तर 207.32 मीटर तक पहुंच गया था. यमुना में सबसे अधिक जलस्तर 1978 में 207.49 मीटर दर्ज किया गया था. 1978 में शहर के कई इलाकों में अचानक बाढ़ आ गयी थी. उस्मानपुर, यमुना बाजार, भजनपुरा, शास्त्री पार्क, गढ़ी मांडू, मजनूं का टीला, उस्मानपुर पुश्ता, जगतपुर और अंतर-राज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) कश्मीरी गेट के आसपास जैसे यमुना से सटे निचले इलाके गुरुवार को जलमग्न रहे.
दिल्ली सरकार ने 10000 बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 1,153 टेंट लगाए हैं.
बढ़ा डेंगू का खतरा
दिल्ली में जल्दी आया मानसून और इसके बाद यमुना की बाढ़ ये दोनों मिलकर सेहत के लिए खतरा बन सकते हैं. ऐसे मौसम और इन हालात में खास तौर पर डेंगू का खतरा बढ़ गया है. जगह जगह भरा पानी डेंगू मच्छरों के पनपने की वजह बन सकता है. मौसम में अचानक आए बदलाव और बाढ़ के पानी से डेंगू के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं.
अस्पतालों में अभी डेंगू के मामले नहीं आ रहे हैं लेकिन डाक्टर मान रहे हैं कि डेंगू का खतरा बढ़ गया है. ऐसे में सावधानी जरूरी है. जैतपुर जैसे कई इलाकों में बाढ़ का पानी भरा है. ये पानी निकलने के बाद यहां बीमारियां फैलने की आशंका ज्यादा है.
मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि सरकार ने बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत मुहैया कराने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं और अब यमुना का जलस्तर घट रहा है. उन्होंने कहा कि प्रशासन का पूरा ध्यान अब इस बात पर है कि जलजनित एवं विषाणुजनित बीमारियों को फैलने से रोका जाए.
यमुना में जब भी पानी बढ़ता है तो इसमें गिरने वाले नालों को एहतियातन बंद कर दिया जाता है, लेकिन इस बार नाले का यह पानी इलाके में फैल गया है, जिसके निकलने की कोई सूरत नहीं दिख रही है. अगर यह स्थिति ज्यादा देर तक बनी रही तो इससे इलाके में महामारी फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है.
शीला दीक्षित ने कहा, ‘यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से पैदा हुई बाढ़ जैसी स्थिति से सरकार सफलता से निपट रही है.’ पिछले चार दिनों में हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से करीब 11 लाख क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ा गया था जिसकी वजह से नदी का जलस्तर बढ़ा. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सभी संबंधित विभागों एवं एजेंसियों के साथ बचाव अभियान की निगरानी कर रहा है. प्रभावित लोगों की मदद के लिए मोबाइल मेडिकल टीमें और पानी के टैंकर लगाए गए हैं.
राजस्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने भी बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की और राजस्व सचिव धरम पाल को राहत शिविरों में सभी जरूरी सुविधाएं प्रदान करने के लिए हरसंभवन उपाय करने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शहर में बाढ़ की स्थिति पर चिंता व्यक्त की और बाढ़ पीड़ितों के प्रति अपनी सहानुभूति जाहिर की.