यमुना नदी के बाढ़ग्रस्त इलाके में अवैध निर्माण पर रोक लगाने की मांग को लेकर लगाई गई याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी. हरि. शंकर की बेंच ने केंद्र सरकार के अलावा इस मामले में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, डीडीए, यमुना नदी विकास प्राधिकरण और नॉर्थ एमसीडी को नोटिस जारी किया है.
हाईकोर्ट में लगाई गई इस जनहित याचिका में नॉर्थ दिल्ली में निगम बोध घाट के पास यमुना के खादर में कथित तौर पर हो रहे अवैध निर्माण पर रोक लगाने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता एन. के. गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कोर्ट को बताया है कि यमुना नदी के खादर में नॉर्थ एमसीडी अवैध तरीके से एक अस्पताल का कंस्ट्रक्शन कर रही है. अस्पताल का कंस्ट्रक्शन परमानंद ब्लाइंड मिशन के द्वारा किया जा रहा है.
याचिकाकर्ता का कहना है कि ऐसे में तुरंत अस्पताल के निर्माण पर तुरंत रोक लगाई जाए. मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी. बता दें कि दिल्ली मे यमुना खादर में किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर रोक है. क्योंकि इस इलाके में किसी भी निर्माण से ना सिर्फ यमुना को नुकसान का खतरा है बल्कि वो इमारतों के कभी भी गिरने का संकट रहता है.
लेकिन दिल्ली में जगह की कमी और नियमों के सख्ती से पालन ना होने के कारण इस तरह के अवैध निर्माण यमुना खादर में अक्सर देखने को मिलते हैं. दिल्ली हाई कोर्ट पहले भी अवैध निर्माण को दिल्ली मे रोकने को लेकर कई सख्त आदेश कर चुका है .
अक्सर सिविक एजेंसी उन आदेशों का सख्ती से पालन नहीं करती. ज्यादातर दिल्ली के इलाकों में अवैध निर्माण का काम जारी रहता है, जबतक की कोई कोर्ट का रुख ना करें. दिल्ली के यमुना खादर में पिछले कुछ सालों में अवैध आवासीय और व्यावसायिक निर्माण के काम बढ़े हैं.